Sitaram Yechury’s Condition Critical: सीपीएम नेता सीताराम येचुरी की आज गुरुवार 5 सितंबर को अचानक तबीयत बिगड़ गई है, जिसके बाद उनको दिल्ली के एम्स में बर्ती कराना पड़ा। एम्स में उनको वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। डॉक्टरों की मानें तो उनके लंग्स में दिक्कत है। यहां डॉक्टरों की एक टीम उनके इलाज में जुट गई है। 

सीताराम येचुरी भारत वामपंथी राजनीति के एक जाने-पहचाने चेहरा हैं। वो भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव भी हैं। सीताराम एक तमिल ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। संसद में राज्यसभा सांसद रहते उनको 2016 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिल चुका है। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हो गए थे। इसके बाद एक साल के भीतर वो भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य बने। 

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JNU को बनाया वामपंथ का गढ़
देश की जानी मानी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी को वामपंथ का गढञ बनाने में येचुरी की हाथ माना जाता है। सीताराम येचुरी और उनके समय के साथी प्रकाश करात ने मिलकर जेएनयू को वामपंथ का गढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेफ्ट के नेता सीताराम येचुरी ने जेएनयू से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स किया है। इसके बाद पीएचडी में भी दाखिला लिया, लेकिन आपातकाल के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इससे वो पीएचडी की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए।

2005 में पहली बार राज्यसभा पहुंचे थे
येचुरी 2005 में पहली बार पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सदस्य बने थे। 18 अगस्त 2017 तक वो राज्यसभा सदस्य रहे। उन्होंने इस दौरान संसद में जनहित के कई मुद्दे उठाए। येचुरी राजनेता के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता, अर्थशास्त्री और पत्रकार और लेखक भी हैं।

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