Cross Voting:मंगलवार को तीन राज्यों की 15 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग हुई। इस दौरान तीनों ही राज्यों में क्रॉस वोटिंग हुई। कांग्रेस को इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों समेत कुल 9 विधायकों ने क्रॉस वाेटिंग। अब स्थिति यह है कि हिमाचल प्रदेश में सुखवीर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के गिरने का डर है।
हिमाचल में क्या हुआ?
हिमाचल में कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इसकी वजह से कांग्रेस कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा। यहां पर कांग्रेस के पास 40 विधायकों की स्ट्रेंथ थी। कांग्रेस इस बात को लेकर निश्चिंग थी कि जीत उसकी ही होगी। हालांकि 6 विधायक पलट गए। एक ने वोट नहीं डाला। नतीजन कांग्रेस को सिर्फ 34 सीटें मिली। वहीं 25 विधायकों वाली बीजेपी को 6 बागी और तीन निर्दलीय विधायकों का साथ पाकर मामला बराबरी का कर लिया। इसके बाद पर्ची निकालकर जीत तय करने का फैसला किया गया। यहां भी किस्मत ने कांग्रेस का साथ नहीं दिया। पर्ची बीजेपी कैंडिडेट हर्ष महाजन का नाम निकला। उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया।
यूपी में SP से टूटे 7 MLA
यूपी में 10 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग हुई। इन 10 सीटों के लिए 11 कैंडिडेट मैदान में थे। बीजेपी ने 3 और समाजवादी पार्टी (एसपी) ने 3 कैंडिडेट को मैदान में उतारा था। यूपी में समाजवादी पार्टी के 7 विधायकों ने एनडीए कैंडिडेट के पक्ष में वोट किया। संजय सेठ पांच साल पहले सपा छोड़कर भाजपा में आए थे। इसकी वजह से समाजवादी पार्टी के तीन कैंडिडेट में से एक कैंडिडेट नहीं जीत सके। दूसरी ओर बीजेपी ने 8 सीटें अपने नाम कर ली। ओपी राजभर की पार्टी SBSP के एक विधायक जगदीश रॉय ने भी क्रॉस वोटिंग की और समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट जय बच्चन के पक्ष में मतदान किया।
कर्नाटक में पलटा बीजेपी का 1 एमएलए
कर्नाटक में क्रॉस वोटिंग का दांव बीजेपी पर ही उल्टा पड़ गया। कर्नाटक में बीजेपी के विधायक एसटी सोमशेखर ने पार्टी के खिलाफ वोटिंग की। इसके साथ ही 4 निर्दलीय विधायकों ने भी कांग्रेस के पक्ष में वोट डाले। परिणामस्वरूप कांग्रेस को तीन सीटों पर जीत मिली। वहीं, बीजेपी को महज एक राज्ससभा सीट से ही संतोष करना पड़ा। एनडीए की ओर से चुनावी मैदान में उतरे जेडीएस के एक कैंडिडेट को हार का मुंह देखना पड़ा।