'Deepfake लोकतंत्र के लिए खतरा, सरकार लाएगी नया कानून', अश्विनी वैष्णव ने जताई चिंता

n view of the challenges of deepfakes, the central government is now going to adopt a strict attitude. IT Minister Ashwini Vaishnav has held a press conference today regarding th;

By :  Somdat
Update:2023-11-23 14:42 IST
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Ashwini Vaishnav: डीपफेक की चुनौतियों को देखते हुए केंद्र सरकार अब सख्त रवैया अपनाने जा रही है। इसको लेकर आज गुरुवार को केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और हितधारकों को बैठक के लिए बुलाया गया। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी के साथ चर्चा हुई और सभी ने डीपफेक के खतरे और इसकी गंभीरता को स्वीकार किया कि ये लोकतंत्र के लिए एक बहुत बड़ा सामाजिक खतरा उभर कर आया है।

चार चीजों पर करना होगा काम

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमें 4 चीजों पर मिलकर काम करना पड़ेगा।

1- इसकी जांच कैसे हो?

2- इसे वायरल होने से कैसे बचाएं?

3- कोई यूजर इसे कैसे रिपोर्ट करें और इस पर तुरंत कार्रवाई हो सके?

4- इस पर जागरूकता बढ़ाने के लिए सब मिलकर कैसे काम करें?

नए कानून की जरूरत- वैष्णव

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि इस पर एक नए विनियमन (Regulation) की जरूरत है, इस पर त्वरित भाव से कार्रवाई शुरू होगी। उन्होंने कहा कि आगामी कुछ हफ्तों में विनियमन के ड्राफ्ट को तैयार करने की कोशिश की जाएगी, जिससे जल्द से जल्द सामाजिक संस्थाओं को बचाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डीपफेक वीडियो बनाने वालों और उन्हें होस्ट करने वाले प्लेटफार्मों को दंडित किया जाएगा।

लगाया जाएगा जुर्माना 

उन्होंने कहा कि डीपफेक के लिए कड़े नियम की जरूरत समझी गई है और हम नियमों का मसौदा तैयार करने पर सहमत हुए हैं। नए कानून के रूप में या मौजूदा नियमों के तहत उपयोगकर्ता/निर्माता और होस्ट प्लेटफार्म दोनों पर जवाबदेही तय हो सकती है। वैष्णव ने कहा कि जब हम विनियमन का मसौदा तैयार करेंगे तो हम अपलोड/बनाने वाले व्यक्ति और प्लेटफार्म दोनों पर जुर्माना लगाने पर भी विचार करेंगे। हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी।

18 नवंबर को भी हुई थी बैठक

बता दें कि इससे पहले 18 नवंबर को अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि डीपफेक बहुत ही गंभीर समस्या है और एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा था कि डीपफेक कंटेंट को रोकने के लिए सरकार ने सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को नोटिस जारी किया है और जल्द ही इन प्लेटफॉर्म के साथ एक बैठक होगी।

कैसे चर्चा में आया डीपफेक

बताते चलें कि डीपफेक को लेकर चर्चा तब से शुरू हुई, जब अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो काफी वायरल हुआ था। उसके बाद सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को एक एडवाइजरी जारी की थी। इतना ही नहीं, डीपफेक से प्रधानमंत्री अछूते नहीं बचे। उनका भी एक गरबा खेलते हुए वीडियो वायरल हुआ था, जबकि उन्होंने कभी गरबा खेला ही नहीं है। डीपफेक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह बहुत ही खतरनाक है।

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