INS Sandhayak: भारतीय नौसना के सर्वे वेसल आईएनएस संध्याक (INS Sandhayak) का शनिवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में कमीशन हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार नौसेना के डॉकयार्ड में मौजूद थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भारतीय नौसेना इतनी मजबूत हो गई है कि हम हिंद महासागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गए हैं। हिंद महासागर एक हॉट स्पॉट है। अदन की खाड़ी, गिनी की खाड़ी आदि जैसे कई चोक प्वाइंट हिंद महासागर में हैं, जहां से बड़ी मात्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है। इन चोक प्वाइंट पर कई खतरे बने रहते हैं, लेकिन सबसे बड़ा खतरा समुद्री डाकुओं का है।
समुद्र में डकैती और तस्करी बर्दाश्त नहीं
रक्षा मंत्री ने ने कहा कि समुद्री डकैती और तस्करी में शामिल लोगों को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, यह नए भारत की प्रतिज्ञा है। हमने हाल ही में 80 मछुआरों को बचाया है, यह हमारी भारतीय नौसेना की मंशा और शक्ति है। हमारी बढ़ती शक्ति का उद्देश्य हिंद महासागर और भारत-प्रशांत क्षेत्र में अवैध और अनियमित मछली पकड़ने को रोकना है। इस क्षेत्र में नशीले पदार्थों और मानव तस्करी को भी रोकेंगे।
आईएनएस संध्याक क्या है?
आईएनएस संध्याक 1981 से 2021 तक नौसेना में कार्यरत था। लेकिन वह पुराना वर्जन था। जिसे 4 जून 2021 को रिटायर कर दिया गया था। अब पुराने नाम के साथ नए युद्धपोत को नौसना में शामिल किया गया है। पुराने वर्जन के मुकाबले नया सर्वे शिप काफी एडवांस है। इसकी रेंज 11 हजार किमी है। जहाज में बोफोर्स गन लगी है। जरूरत पड़ी तो इसमें चेतक हेलिकॉप्टी की भी तैनाती की जा सकती है। यह बंदरगाहों से लेकर समुद्री तटों तक की निगरानी करेगा।
नेवी को फायदा क्या होगा?
आईएनएस संध्याक सर्वे और नेविगेशन को बेहतर बनाएगा। समुद्र की गहराई में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करके नई जानकारियां देगी। यह समुद्र में आ रहे किसी भी जहाज को ट्रैक कर सकेगा। इसमें सैटेलाइट बेस्ड पोजिशनिंग सिस्टम भी मौजूद है।
रेंज और खासियत क्या है?
- स्पीड 30 किमी प्रतिघंटा
- रेंज 11 हजार किमी
- वजन 3400 टन
- लंबाई 288.1 फीट
- तैनाती 18 अधिकारी और 160 सैनिक
नेवी के पास ऐसे कितने जहाज?
आईएनएस संध्याक को मेसर्स गोर्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) कोलकाता ने बनाया है। इंडियन नेवी के लिए GRSE के चार जहाज बनाए जा रहे हैं। आईएनएस संध्याक इस सीरीज का पहला जहाज है। 12 मार्च 2019 को इसे बनाने का काम शुरू हुआ था। 5 दिसंबर 2021 को इसे लॉन्च किया गया।