Arvind Kejriwal Arrested by ED: आम आदमी पार्टी संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार शाम दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार किया गया। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 9 समन जारी किए थे। 10वें समन के साथ गुरुवार शाम ईडी टीम केजरीवाल के घर पहुंची। 2 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को राहत नहीं दी थी।
अरविंद केजरीवाल इतिहास के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो अपने पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुए। इससे पहले ईडी ने उनका पीएमएलए की धारा 50 के तहत बयान दर्ज किया।
क्या है दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामला?
22 मार्च 2021 को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकारी खजाना बढ़ेगा। तब तक दिल्ली में 60 फीसदी दुकानें सरकारी और 40 फीसदी प्राइवेट थीं। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इस नीति से सरकार शराब कारोबार से बाहर हो गई और पूरा बिजनेस निजी हाथों में चला गया। दिल्ली को 32 जोन में बांटा और हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं।
मुख्य सचिव की रिपोर्ट से सामने आया मामला
यह मामला जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना को सौंपी गई एक रिपोर्ट से सामने आया, जिसमें शराब नीति के निर्माण में कथित प्रक्रियात्मक खामियों की ओर इशारा किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा उत्पाद शुल्क मंत्री के रूप में लिए गए मनमाने और एकतरफा फैसलों से सरकारी खजाने को 580 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय नुकसान हुआ। साथ ही शराब कारोबारियों को मनमाने तरीके से लाभ दिया गया। शराब व्यवसाय मालिकों और संचालकों से रिश्चत ली गई। रिश्वत का इस्तेमाल 2022 में पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव में किया गया।
एजेंसी ने दर्ज किए थे 2 केस
इसके बाद शराब नीति घोटाले के संबंध में 17 अगस्त 2022 को दो मामले दर्ज किए गए हैं। एक सीबीआई द्वारा और एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग पर जिसकी जांच ईडी कर रही है। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड अफसर, 9 बिजनेस और 2 कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं में केस दर्ज किया गया। विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने शराब नीति को रद्द कर दिया।
26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया और 4 अक्टूबर 2023 को संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया। ईडी ने मार्च में एक अदालत को बताया कि अपराध की कथित आय 292 करोड़ रुपये से अधिक थी। ईडी ने आरोप लगाया कि यह घोटाला थोक शराब कारोबार को निजी संस्थाओं को देना और 6% किकबैक के लिए 12% मार्जिन तय करना था। ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि AAP नेताओं को साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली।
हाल ही में, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को कथित तौर पर इस 'साउथ ग्रुप' का हिस्सा होने के कारण गिरफ्तार किया गया था। साउथ ग्रुप में शामिल अन्य लोगों में ओंगोल के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा, पी वी रामप्रसाद रेड्डी के बेटे पी सरथ चंद्र रेड्डी और हैदराबाद स्थित अरबिंदो फार्मा के सह-संस्थापक शामिल हैं। ईडी के अनुसार, इस समूह ने बेरोकटोक पहुंच, अनुचित लाभ प्राप्त किया, स्थापित थोक व्यवसायों और कई खुदरा क्षेत्रों में हिस्सेदारी हासिल की।
केजरीवाल पर क्या हैं आरोप?
कविता की गिरफ्तारी के बाद 18 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने पहली बार आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले में साजिशकर्ता थे। के कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर शराब पॉलिसी निर्माण और उसे लागू कराकर लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित AAP के शीर्ष नेताओं के साथ साजिश रची थी। इन एहसानों के बदले में वह AAP के नेताओं को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने में शामिल थीं।
ईडी ने यह भी आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने खुद मुख्य आरोपियों में से एक समीर महेंद्रू से वीडियो कॉल पर बात की थी और उन्हें सह-आरोपी विजय नायर के साथ काम करना जारी रखने के लिए कहा था, जिसे वह अपना लड़का कहते थे।
हरियाणा में जन्म, अन्ना आंदोलन का मुख्य चेहरा
अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के भिवानी जिले में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई हिसार में हुई। इसके बाद आईआईटी खड़कपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। कुछ समय तक उन्होंने टाटा स्टील में भी नौकरी की थी। हालांकि बाद में उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी और 1993 में वह भारत राजस्व सेवा में चयनित हुए। दो साल बाद 1995 में उन्होंने अपनी बैचमेट सुनीता केजरीवाल से शादी की।
भारत राजस्व सेवा में काम करते हुए उन्होंने सामाजिक और जनसरोकार के मुद्दों पर काम करने के लिए मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर परिवर्तन नाम के एक आंदोलन की नींव रखी। 20211 में वह जन लोकपाल विधेयक को लागू करने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी धरने का नेतृत्व करने के लिए अन्ना हजारे के साथ आए। इसी साल उन्होंने राजनीतिक पार्टी आम आदमी पार्टी की नींव रखी और 2013 में विधानसभा चुनाव लड़ा।
तीसरी बार बने थे सीएम
तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया और मुख्यमंत्री बने। हालांकि 49 दिन बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने वाराणसी पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन कराया। हालांकि हार मिली। 2015 में केजरीवाल अपनी पार्टी की भारी जीत के साथ सत्ता में लौटे। उस वक्त केजरीवाल की पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती थीं। 2020 में वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने।