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Delhi Excise Policy Case: दिल्ली के कथित शराब घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दायरा बढ़ता जा रहा है। ईडी ने कहा कि है कि इस मामले से संबंधित अगले आरोपपत्र में AAP को आरोपी बनाया जाएगा।

Delhi Excise Policy Case: दिल्ली शराब घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दायरा बढ़ता जा रहा है। एजेंसी की नजर अब आम आदमी पार्टी (आप) पर है। मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में इसकी जानकारी दी। ईडी ने कहा कि उत्पाद शुल्क नीति मामले से संबंधित अलगे आरोपपत्र में AAP को आरोपी बनाया जाएगा। एजेंसी ने कहा हैं कि वह मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के प्रावधानों के तहत पार्टी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। इस मामले में दाखिल की जाने वाली सप्लीमेंट्री चार्जशीट में AAP का नाम आरोपी के तौर पर शामिल किया जाएगा। 

पहली बार किसी पॉलिटिकल पार्टी को बनाया जाएगा आरोपी
ED ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि  यह पहला मौका होगा जब किसी पॉलिटिकल पार्टी को किसी मामले में आरोपी बनाया जाएगा। जांच एजेंसी ने AAP नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। एजेंसी ने हाईकाेर्ट को बताया कि दिल्ली शराब घोटाले के कई आरोपी मामले से जुड़ी कानूनी कार्यवाही को लंबा खींचने का प्रयास कर रहे हैं। इसके कारण मामले की सुनवाई में देरी हो रही है। 

इस मामले में मनीष सिसोदिया अभी भी जेल में हैं
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित कई हस्तियों की गिरफ्तारी हुई थी। जहां संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल दोनों को  जमानत मिल चुकी है, वहीं मनीष सिसोदिया अभी भी जेल में ही है। 

ED कर रही है मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से मामले की जांच
बता दें कि ED दिल्ली में हुए इस कथित घाेटाले के मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रही है। बीते हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में AAP के अध्यक्ष और दिल्ली के सीएम को चुनाव प्रचार में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत दी है। बीते साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में AAP को आरोपी बनाने का सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर शराब नीति के लिए मिली रिश्वत से पार्टी को फायदा हुआ तो AAP को ED ने आरोपी क्यों नहीं बनाया गया है।

पॉलिटकल पार्टी को आरोपी बनाने पर SC ने किए थे सवाल
जस्टिस संजीव खन्ना और एसवी भट्टी की सदस्यता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने बीते साल शराब नीति मामले पर सुनवाई करते हुए ईडी से कहा था कि जहां तक प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की बात है तो आपका पूरा केस इस पर है कि लाभ एक पॉलिटिकल पार्टी को हुआ है। अभी तक इस पॉलिटिकल पार्टी को ना तो आरोपी बनाया गया है और ना ही पक्षकार बनाया गया है। आप इसका जवाब कैसे देंगे? आपके मुताबिक इस केस में बेनिफिशियरी पॉलिटिकल पार्टी है।

क्या होगा अगर  AAP को मामले में बनाया जाएगा आरोपी
इसके अलगे ही दिन कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सवाल किसी पॉलिटिकल पार्टी को इस मामले में फंसाने के लिए नहीं था बल्कि यह एक कानूनी सवाल था। अफसर कह रहे हैं कि जांच एजेंसी पॉलिटिकल पार्टी को एक कंपनी की तरह मान रही है। इस तर्क के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल इस कंपनी के CEO होंगे। अगर ऐसा होता है ED को इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसकी बड़ी वजह यह है कि  PMLA के तहत कंपनी की परिभाषा को व्यापक रूप में यानी कि विस्तार में बताया गया है।

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