Devender Singh Rana Death: जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ भाजपा नेता और नगरोटा विधायक देवेंद्र सिंह राणा का गुरुवार को निधन हो गया। राणा, जो केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई थे, हरियाणा के फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे। 59 वर्षीय राणा के निधन से भाजपा में शोक की लहर दौड़ गई है। परिवार में उनकी पत्नी गुंजन राणा, बेटियां देवयानी और केतकी, और बेटा अधिराज सिंह हैं। उनके निधन की खबर मिलते ही गंधीनगर स्थित उनके घर पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गई। 

भाजपा में लोकप्रिय थे देवेंद्र सिंह राणा
देवेंद्र सिंह राणा का जन्म जम्मू के डोडा जिले में एक डोगरा परिवार में हुआ था। वे एक प्रतिष्ठित और साहसी नेता माने जाते थे, जिन्होंने व्यापार की दुनिया से राजनीति में कदम रखा। अक्टूबर 2021 में उन्होंने भाजपा का दामन थामा और जल्दी ही जम्मू-कश्मीर में पार्टी के प्रमुख नेता के रूप में उभरे। राणा को डोगरा समुदाय का एक मजबूत समर्थक माना जाता था और उन्होंने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में दो बार नगरोटा सीट से जीत हासिल की थी।

जम्मू की राजनीति में थी गहरी पकड़
राणा के राजनीतिक सफर की शुरुआत नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) से हुई थी, जहां उन्होंने अपने कुशल रणनीतिकार और प्रदेश अध्यक्ष के रूप में ख्याति पाई। एनसी में रहते हुए उन्होंने पार्टी का विस्तार जम्मू में सफलतापूर्वक किया। इस दौरान वे जम्मू और कश्मीर के विभिन्न समुदायों के साथ जुड़े रहे और उनकी समस्याओं को लेकर हमेशा सजग रहे। बाद में भाजपा से जुड़ने के बाद भी उनकी लोकप्रियता बरकरार रही।

जम्मू की जनता के लिए किए कई कार्य
देवेंद्र सिंह राणा ने अपने कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने "जम्मू घोषणा" (Jammu Declaration) की पहल की, जिसमें जम्मू के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने का आह्वान किया गया। उनका ये कदम पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन से भिन्न था, जो जम्मू-कश्मीर के पूरे राज्य को राज्य का दर्जा देने की मांग करता है। राणा ने जम्मू के लोगों के हक में आवाज उठाने में कभी पीछे नहीं हटे। 

राणा के निधन पर नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
राणा के निधन पर जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत कई प्रमुख नेताओं ने शोक व्यक्त किया। उपमुख्यमंत्री चौधरी ने लिखा, "दिवाली के पावन अवसर पर ये खबर अत्यंत दुखद है। उनकी आत्मा को शांति मिले।" इस दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी राणा को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें जनता का सच्चा हितैषी बताया। 

डोगरा समाज में हमेशा रहेंगें याद
राणा डोगरा समाज के प्रमुख नेता माने जाते थे। राणा के निधन से डोगरा समाज ने एक बड़ा समर्थक खो दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों की समस्याओं को लेकर हमेशा आवाज उठाई। उनकी उद्यमिता और दूरदर्शिता ने जम्मू-कश्मीर में रोजगार के कई अवसर पैदा किए। राणा जनता के प्रति निष्ठावान और हमेशा समाज के लिए समर्पित रहे। उनके योगदान को जम्मू-कश्मीर में हमेशा याद किया जाएगा। भाजपा ने राणा के निधन को पार्टी और जम्मू-कश्मीर के लिए बड़ी क्षति बताया।