Disengagement in Eastern Ladakh: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है। LAC पर भारत और चीन के सैनिकों ने चार साल बाद पीछे हटना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को दोनों देशों के सैनिकों ने अपने टेंट्स हटाने शुरू कर दिए। इसके साथ ही गाड़ियां और साजो-सामान वापस बुलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। यह सब कुछ पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रूस के कजान में हुई मुलाकात के एक दिन बाद शुरू हो गया। 

भारत और चीन के बीच हुआ है समझौता
भारत और चीन के बीच हाल ही में एक बड़ा समझौता हुआ है, जिसके तहत दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाकों से पीछे हट रही हैं। इस प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है, जिससे सीमाई तनाव कम होने की उम्मीद है। यह समझौता चार दिन पहले दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच हुआ। समझौते के अनुसार, दोनों देश 2020 से पहले की स्थिति बहाल करेंगे। 

पेट्रोलिंग फिर से शुरू करने की तैयारी
इस समझौते के बाद भारत और चीन के सैनिकों के बीच पेट्रोलिंग फिर से शुरू होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 21 अक्टूबर को सुबह दोनों देशों के कॉर्प्स कमांडरों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। तब से ही दोनों देशों की सेनाएं छोटे-छोटे दलों में पीछे हट रही हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले 10 दिनों में पेट्रोलिंग शुरू हो सकती है। फिलहाल, दोनों देशों के सैनिकों ने कुछ अस्थायी ढांचे, जैसे तंबू और शेड्स को हटाना शुरू कर दिया है।

महत्वपूर्ण पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक पहुंचेंगे सैनिक
इस समझौते के बाद, भारतीय सैनिक अब देपसांग के पेट्रोलिंग प्वाइंट्स 10, 11, 11A, 12 और 13 तक जा सकेंगे। इस क्षेत्र में दौलत बेग ओल्डी और काराकोरम पास के पास स्थित ऊंचाई वाले इलाकों तक पेट्रोलिंग की जाएगी। इसी तरह, दक्षिणी लद्दाख के डेमचोक इलाके से भी सैनिक पीछे हट रहे हैं। यह वही इलाका है, जहां चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा के अंदर कुछ टेंट लगा दिए थे। 

बहाल की जाएगी 2020 से पहले की स्थिति
भारत और चीन ने सीमा पर अप्रैल 2020 की स्थिति को बहाल करने पर सहमति जताई है। इसका मतलब है कि चीनी सैनिक उन इलाकों से पीछे हटेंगे, जहां उन्होंने अवैध कब्जा किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री के अनुसार, दोनों देशों ने सीमा पर पेट्रोलिंग की प्रक्रिया पर भी सहमति बना ली है। यह समझौता दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में बड़ा कदम है।

2020 में गलवान में घुस आई थी चीनी सेना
2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। उस समय चीन ने सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई थी, जिसके जवाब में भारत ने भी समान संख्या में सैनिक तैनात किए। अब इस समझौते के बाद उम्मीद है कि सीमा पर स्थिति में सुधार आएगा और शांति बहाल होगी।

जानिए, अब आगे इस मामले में क्या होगा?
इस समझौते के तहत, दोनों देशों ने 63 पेट्रोलिंग प्वाइंट्स पर पेट्रोलिंग शुरू करने पर सहमति जताई है। इसमें पेंगोंग झील के उत्तरी हिस्से में फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग बहाल की जाएगी। यहां भारतीय सैनिक अब फिंगर 4 तक जा सकेंगे। इस क्षेत्र में टकराव से बचने के लिए, दोनों सेनाएं पेट्रोलिंग की तारीख और समय की जानकारी पहले से साझा करेंगी। इससे सैनिकों के बीच सीधे संघर्ष से बचा जा सकेगा और सीमा पर शांति बनी रहेगी।