Dissanayake's Diplomacy: श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को लेकर अपनी विदेश नीति का खुलासा कर दिया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने साफ कहा कि वह अपने देश को भारत और चीन के बीच "फंसने" (Sandwiched) से बचाना चाहते हैं। साथ ही दिसानायके ने दोनों देशों को "मूल्यवान साझेदार" बताया, लेकिन संकेत दिया है कि वह दक्षिण एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र में किसी भी भू-राजनीतिक तनाव से दूर रहना चाहते हैं। श्रीलंका 2019 से एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जो 2022 में संप्रभु डिफॉल्ट की स्थिति में पहुंच गया था।
श्रीलंका को मिला वामपंथी राष्ट्रपति
- दिसानायके एक वामपंथी नेता हैं। सितंबर की शुरुआत में एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "हम किसी भी जियो-पॉलिटिकल टकराव में नहीं पिसना चाहते हैं। हम न तो किसी एक पक्ष के साथ खुद को जोड़ेंगे, विशेष रूप से चीन और भारत के बीच फंसना नहीं चाहते हैं। दोनों हमारे मूल्यवान मित्र हैं और हम उनसे घनिष्ठ सहयोग की उम्मीद करते हैं।"
- दिसानायके की हालिया जीत ने उन्हें एक प्रमुख नेता बना दिया है, उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में 42 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए। हालांकि, उनके चीन के साथ संभावित करीबी रिश्तों ने नई दिल्ली में चिंता पैदा कर दी है, खासकर चीन के श्रीलंका में बढ़ते प्रभाव को देखते हुए।
भारत आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा के लिए अहम: दिसानायके
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग को उम्मीद है कि दिसानायके विदेशी निवेश के जरिए ज्यादा से ज्यादा सपोर्ट हासिल करने की कोशिश करेंगे। वहीं, कोलंबो विश्वविद्यालय के एक अर्थशास्त्री ने कहा कि राष्ट्रपति दिसानायके शायद बीजिंग के साथ काम करना पसंद करेंगे, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से भारत और अमेरिका को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि वह किसी भी तरह से चीन के पक्ष में नहीं झुकेंगे। शनिवार को मतदान के दिन भारतीय मीडिया से बात करते हुए दिसानायके ने कहा- भारत उनके देश की आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा के लिए "महत्वपूर्ण" है। उन्होंने कहा, "हम अपने आर्थिक फैसलों का प्रभाव समझते हुए भारत के समर्थन को महत्वपूर्ण मानते हैं।"
PM मोदी ने श्रीलंकाई प्रेसिडेंट को कॉल कर बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिसानायके से बात की और श्रीलंका के साथ बहुआयामी सहयोग को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा जताई। मोदी ने अपने एक्स (पहले ट्विटर) पोस्ट में श्रीलंका की विशेष भूमिका को भारत की "नेवर फर्स्ट" पॉलिसी में महत्वपूर्ण बताया। इस पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने जवाब देते हुए कहा, "हम एक साथ काम कर सकते हैं ताकि हमारे दोनों देशों और पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए लाभकारी सहयोग स्थापित किया जा सके।"
हम किसी भी शक्ति के अधीन नहीं होंगे: दिसानायके
- श्रीलंका के नए राष्ट्रपति ने चीन के साथ सैन्य संबंधों को लेकर फैली चिंताओं को भी खारिज किया। हाल ही में चीनी नौसेना के तीन जहाज कोलंबो पोर्ट पर आए थे, जबकि उसी समय भारत का युद्धपोत INS मुंबई भी वहीं पर मौजूद था। दिसानायके ने कहा, "हम अपनी संप्रभुता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी भी शक्ति के अधीन नहीं होंगे।"
- भारत ने श्रीलंका के मौजूदा वित्तीय संकट में अहम भूमिका निभाई है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा $3 बिलियन का बेलआउट पैकेज दिया गया है और भारत ने अब तक लगभग $4 बिलियन की मदद प्रदान की है, जिसमें भोजन, दवाइयां और ईंधन शामिल हैं।
दिसानायके ने कहा है कि वह IMF के ऋण शर्तों पर फिर से बातचीत करना चाहते हैं, क्योंकि कुछ शर्तों के कारण देश में टैक्स बढ़ाए गए और खर्च में कटौती की गई, जिससे महंगाई और विरोध प्रदर्शन बढ़ गए। हालांकि, शर्तों की समीक्षा करने से आगे लोन हासिल करने में देरी हो सकती है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति पर और दबाव पड़ सकता है।