DoT Action against Cyber Fraud: केंद्र सरकार ने साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए अहम कदम उठाया है। सरकार ने शुक्रवार (10 मई) को  28,200 मोबाइल हैंडसेट्स को ब्लॉक करने का निर्देश जारी किया। टेलीकॉम ऑपरेटर्स को तुंरत इस निर्देश का पालन करने के लिए कहा गया है। साथ ही इन मोबाइल फोन के कनेक्शन को वेरिफाई करने को कहा है। केंद्र सरकार ने कहा है कि साइबर क्राइम में टेलीकाॅम्युनिकेशन का गलत इस्तेमाल हो रहा था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। 

गड़बड़ी करने वाले नंबरों के कनेक्शन कटेंगे
गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस की साझा जांच में इस गड़बड़ी में खुलासा है कि साइबर अपराधी देश भर में  28,200 मोबाइल हैंडसेट का इस्तेमाल धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए कर रहे थे।  दूरसंचार विभाग (DoT) के मुताबिक, इन संदिग्ध मोबाइल हैंडसेंट के जरिए 20 लाख से ज्यादा नंबरों का इस्तेमाल किया गया। ऐसे में लोगों को डिजिटल खतरों से बचाने के लिए सरकार ने इन नंबरों और हैंडसेट को वेरिफाई करने का फैसला किया है। 

कैसे  पकड़ में आई यह साइबर धोखाधड़ी
टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर वेरिफिकेशन के बाद मोबाइल हैंडसेट और नंबरों का इस्तेमाल डिजिटल फ्रॉड के लिए करने की बात पता चलती है तो इनका कनेक्शन तुरंत काट दिया जाए। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से साइबर फ्रॉड और साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए हाल में एक डिजिटज इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) लॉन्च की गई है। इसके जरिए सरकार को यह पता चला है कि कई मोबाइल हैंडसेट और नंबरों का गलत इस्तेमाल हो रहा है। 

संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान की जा रही
डिजिलटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म की मदद से सरकार साइबर फ्रॉड और साइबर क्रॉइम से निपटने में लगी संस्थाओं के बीच समन्वय बढ़ाने की कोशिश की गई है। इस प्लेटफॉर्म की मदद  से अब तक लोगों को एसएमएस के जरिए चूना लगाने वाले 52 संस्थाओं का पता लगाया गया है। इन सभी संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान करने के बाद उन्हें वेरिफाई किया जा रहा है। 7 मई को टेलिकॉम विभाग ने वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे एक एक फोन नंबर का कनेक्शन काट दिया। पता चला कि इस एक नंबर का इस्तेमाल 20 अलग-अलग हैंडसेट में किया जा रहा था। इन सभी हैंडसेट को भी ब्लॉक कर दिया गया है। 

सोशल मीडिया के जरिए मिली शिकायत पर एक्शन
दरअसल, धोखाधड़ी के शिकार हुए एक शख्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर टेलीकॉम विभाग को टैग करते हुए शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि उसके पास ठीक उसी तरह से मैसेज प्राप्त हुआ, जैसा कि आम तौर पर बैंकों द्वारा भेजा जाता है। धोखाधड़ी ने बाद में उसे फोन कर कहा कि गलती से उसके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हो गए हैं, जबकि वास्तव में उसके अकाउंट में कोई भी एक्स्ट्रा अमाउंट ट्रांसफर नहीं हुआ था। इसके बाद टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने शिकायतकर्ता की ओर से उपलब्ध करवाए गए नंबर पर एक्शन लिया और उसे डिसकनेक्ट कर दिया।

टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने लोगों को किया आगाह
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने लोगों को आगाह किया है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी से सावधान रहें। धोखेबाज अक्सर बैंक केवाईसी पूरा नहीं होने,बैंक अकाउंट, पेमेंट वॉलेट, गैस कनेक्शन, सिम वेरिफिकेशन और बिजली कनेक्शन डिएक्टिवेट होने से जुड़ा एसएमएस भेज कर लोगों को झांसे में लेते हैं और फिर मोटी रकम का चूना लगा देते हैं। डिपार्टमेंट ने कहा है कि अगर इस प्रकार की धोखाधड़ी होती है तो लोग टोल फ्री नंबर 1930 या फिर साइबर www.cybercrime.gov.in. पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।