ED allegations on K Kavitha: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार 3 जून को बीआरएस विधायक के कविता पर गंभीर आरोप लगाए। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि के कविता ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़ी जांच प्रभावि करने के लिए 9 मोबाइल फोन नष्ट किए। इसके साथ ही वह एक पांच सितारा होटल के 10 लाख रुपए वाले सूट में ठहरी थीं। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि के कविता 'साउथ लॉबी' का हिस्सा हैं। इसी लॉबी ने दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को नई शराब आबकारी नीति और शराब लाइसेंस जारी करने के नियमों को बदलने के बदले रिश्वत दी थी।
ईडी ने के कविता पर क्या लगाए आरोप
ईडी ने कहा है कि के कविता और उनके सहयोगियों ने दिल्ली की सत्तारूढ़ आप को 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी। यह राशि गैर कानूनी ढंग से और अवैध चैनलों के जरिए गोवा से भेजी गई थी। इस रकम का कथित तौर पर आम आदमी पार्टी (AAP) के चुनाव खर्चों के लिए इस्तेमाल किया गया। ईडी ने सोमवार को कोर्ट को बताया कि यह रिश्वत शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के बदले दी गई थी। इस रिश्वत के बदले 'साउथ ग्रुप' को कई तरह के फायदे दिए गए थे।
मोबाइल फोन और अन्य सबूत नष्ट किए
ईडी ने आरोप लगाया है कि के कविता ने सबूतों को मिटाने की कोशिश की। कविता ने 9 मोबाइल फोन नष्ट किए, जिनमें से 8 फोन उन्होंने एजेंसी को सौंपे थे। इनमें से 2 iPhone 13 मिनी, 2 iPhone 13 और 2 iPhone 14 Pro शामिल थे। एजेंसी ने कहा कि एक फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चला कि कम से कम एक फोन को फॉर्मेट किया गया था। हालांकि के कविता ने इस बात से इनकार किया है।
घोटाले से दिल्ली सरकार को 581 करोड़ रुपए का नुकसान
ईडी ने कहा कि इस पूरे घोटाले के कारण दिल्ली सरकार को 581 करोड़ रुपए का सीधा नुकसान हुआ। ईडी ने आरोप लगाया कि के कविता और अन्य 'साउथ ग्रुप' के सदस्य इंडो स्पिरिट्स के गठन में अहम भूमिका निभाई। इससे उन्हें और इस ग्रुप में शामिल दूसरे लोगों को 192.8 करोड़ रुपए का लाभ हुआ।
ईडी ने कोर्ट को सौंपा 177 पन्नों का आरोपपत्र
ईडी ने 177 पन्नों के आरोपपत्र में के कविता को आरोपी नंबर 32 के रूप में सूचीबद्ध किया है। दिल्ली की एक अदालत ने उनके न्यायिक हिरासत की अवधि को 3 जुलाई तक बढ़ा दिया है। दोनों ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है। ईडी और सीबीआई ने कोर्ट में कहा था कि के कविता एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह जांच को प्रभावित कर सकती हैं। इसके साथ ही सबूतों को भी नष्ट कर सकती हैं।