Electoral Bonds: लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी चंदा खूब सुर्खियों में है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई को यूनीक बॉन्ड नंबर के साथ पूरी डिटेल इलेक्शन कमीशन के साथ साझा करने का निर्देश दिया है। अब तक सामने आई डिटेल चौंकाने वाली है।
इलेक्शन कमीशन के चुनावी बॉन्ड डेटा के अनुसार, अप्रैल 2019 और जनवरी 2024 के बीच कुल 333 व्यक्तियों ने 358.91 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन व्यक्तियों में से 15 उद्योगपति हैं। जिनमें से कई बड़ी कॉर्पोरेट संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। इन हस्तियों ने 158.65 करोड़ या कुल का 44.2% राजनीतिक दलों को चंदा दिया है।
ये हैं 15 बड़े उद्योगपति
नाम | चुनावी बॉन्ड राशि |
लक्ष्मी निवास मित्तल (आर्सेलर मित्तल) | 35 करोड़ |
लक्ष्मीदास वल्लभदास मर्चेंट (रिलायंस लाइफ साइंसेज) | 25 करोड़ |
राहुल भाटिया (इंडिगो) | 20 करोड़ |
इंदर ठाकुरदास जयसिंघानी (पॉलीकैब ग्रुप ऑफ कंपनीज) | 14 करोड़ |
राजेश मन्नालाल अग्रवाल (अजंता फार्मा लिमिटेड) | 13 करोड़ |
हरमेश राहुल जोशी और राहुल जगन्नाथ जोशी (ओम फ्रेट ग्रुप ऑफ कंपनीज) | 10 करोड़ प्रत्येक |
किरण मजूमदार शॉ (बायोकॉन) | 6 करोड़ |
इंद्राणी पटनायक | 5 करोड़ |
सुधाकर कांचरला (योडा ग्रुप) | 5 करोड़ |
अभ्रजीत मित्रा (सीरॉक इंफ्राप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड) | 4.25 करोड़ |
सरोजित कुमार डे (जेडी एग्रो डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड) | 3.4 करोड़ |
दिलीप रमनलाल ठाकर (समुद्र रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड; जेड मिनरल्स एंड माइंस प्राइवेट लिमिटेड) | 3 करोड़ |
प्रकाश बलवंत मेंगने (श्रीनाथ स्टापत्या इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) | 3 करोड़ |
निर्मल कुमार बथवाल (पेंगुइन ट्रेडिंग एंड एजेंसीज लिमिटेड) | 2 करोड़ |
लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन
चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग ने 1,368 करोड़ के चुनावी बांड खरीदे। मार्टिन सबसे बड़ा खरीदार रहा। कुल खरीद में लगभग 37 प्रतिशत उसने तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को दिया। मार्टिन ने डीएमके 509 करोड़ का दान दिया। एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमको को मेघा इंजीनियरिंग से 105 करोड़, इंडिया सीमेंट्स से 14 करोड़ और सन टीवी से 100 करोड़ चंदा मिला।
सबसे ज्यादा भाजपा को मिला चंदा
2018 में केंद्र की भाजपा सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लेकर आई थी। सरकार ने कहा था कि उसका स्कीम लाने का मकसद पारदर्शिता लाना है। लेकिन बीते महीने सुप्रीम कोर्ट ने स्कीम को रद्द कर दिया। भाजपा को चुनावी बांडों के माध्यम से 6,986.5 करोड़ की अधिकतम धनराशि प्राप्त हुई। इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (1,397 करोड़), कांग्रेस (1,334 करोड़) और बीआरएस (1,322 करोड़) शामिल है।