Electoral Bonds Case: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड के फैसले का रिव्यू करने के लिए स्वत: संज्ञान लेने की मांग को सिरे से नकार दिया। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) प्रेसिडेंट एडवोकेट अधीश अग्रवाल ने एक पत्र लिखा था। सोमवार को चुनावी बॉन्ड को लेकर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान सीजेआई ने बार एसोसिएशन प्रेसिडेंट की मांग पर सख्त लहजे में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आपने रिव्यू के लिए मुझे एक पत्र लिखा है, जो कि साफ तौर पर पब्लिसिटी के लिए है। इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को फैसले के मुताबिक इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक नंबर का खुलासा करना होगा, जिस पर एसबीआई सहमत हो गया।
बार प्रेसिडेंट से कहा- आप सीनियर वकील हैं फिर भी...
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) प्रेसिडेंट एडवोकेट अधीश अग्रवाल की अपील खारिज हो गई। सीनियर एडवोकेट अधीश अग्रवाल ने स्वत: संज्ञान लेते हुए समीक्षा के लिए याचिका का उल्लेख किया था। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा- मिस्टर अग्रवाल एक सीनियर एडवोकेट होने के साथ आप एससीबीए के प्रेसिडेंट भी हैं। आप प्रोसेस को अच्छी तरह समझते हैं। आपने मुझे एक पत्र लिखा। ये सिर्फ पब्लिसिटी के लिए है, चलो इसे यहीं छोड़िए। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता हूं।
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अग्रवाल की मांग से खुद को अलग करते हुए कहा कि हम इसका समर्थन नहीं करते हैं।
बार एसोसिएशन ने अध्यक्ष की मांग की निंदा की
इससे पहले अधीश अग्रवाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संज्ञान लेने और केस में दोबारा सुनवाई होने तक फैसले को लागू नहीं करने का आग्रह किया था। उनकी इस मांग पर विवाद खड़ा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने खुद को अध्यक्ष के विचारों से अलग कर लिया और कहा था कि पैनल के सदस्यों ने अग्रवाल को राष्ट्रपति को पत्र लिखने के लिए अथॉरिटी नहीं दी है। सचिव रोहित पांडे ने कहा कि कार्यकारी समिति रिव्यू की मांग को सर्वोच्च न्यायालय के अधिकारों को खत्म और कमजोर करने की कोशिश के रूप में देखती है, साथ ही इसकी निंदा करती है।
CJI बोले- SBI चेयरमैन 21 मार्च तक हलफनामा दाखिल करें
शीर्ष अदालत ने कहा है कि एसबीआई को हमारे पिछले महीने फैसले के अनुसार इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक नंबर का खुलासा करना होगा, जिस पर एसबीआई सहमत हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई चेयरमैन से गुरुवार (21 मार्च) तक हलफनामा दायर करने को कहा है, जिसमें बैंक के पास मौजूद पूरी डिटेल का खुलासा करने के लिए कहा है। इस हलफनामे में बैंक को बताना होगा कि उसने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी कोई जानकारी छिपाई नहीं है। (पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...)