Indian Air Force:भारतीय वायुसेना के एक चिनूक हेलिकॉप्टर (Chinook helicopter) को तकनीकी खराबी आने के बाद इमरजैंसी लैंडिंग करानी पड़ी। हेलिकॉप्टर को बरनाला के पास एक खुले खेत में लैंड कराया गया। भारतीय वायुसेना ने इसकी पुष्टि की है। वायु सेना ने बताया कि हेलिकॉप्टर पर सवार पायलट और दूसरे क्रू मेम्बर्स सुरक्षित हैं। हेलिकॉप्टर को भी नुकसाान नहीं पहुंचा है। चिनूक हेलिकॉप्टर भारतीय वायु सेना का एक मल्टीपरपस चॉपर है। आपदा राहत कार्य से लेकर सैन्य ऑपरेशन्स तक में इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता है। 

क्या होते हैं चिनूक हेलिकॉप्टर?

चिनूक हेलीकॉप्टर को आधिकारिक तौर पर बोइंग सीएच-47 चिनूक( CH-47 Chinook) के नाम से जाना जाता है। यह टेंडेम-रोटर चालिक हेलीकॉप्टर होते हैं। इनका इस्तेमाल मुख्य रूप से हेवी-लिफ्ट ट्रांसपोर्ट और सेना की आवाजाही के लिए होता है। 

जानिए चिनूक हेलिकॉप्टर से जुड़ी 8 खास बातें: 

  • टेंडेम रोटर डिजाइन: चिनूक अपने टेंडेम रोटर सिस्टम () के लिए जाने जाते हैं। हेलीकॉप्टर के ऊपर वाले हिस्से पर दो बड़े रोटर लगे होते हैं। अपनी इस खास डिजाइन की वजह से यह हेलिकॉप्टर हवा में ज्यादा देर तक स्थिर रह सकता है और भारी चीजों को उठाने में सक्षम होता है। 
  • भारी-लिफ्ट क्षमता: चिनूक हेलीकॉप्टरों सैन्य उपकरणों, गाड़ियों और दुर्गम इलाके तक सेना के जवानों को पहुंचाने जैसे अहम काम कर सकते हैं। इसके साथ ही यह सेना के ऑपरेशन के दौरान दवा और हथियारों समेत दूसरे जरूरी सामान पहुंचाने में मददगार होते हैं। 
  • दुर्गम स्थानों पर लैंडिंग: चिनूक एक मल्टीपरपस चौपर है। इसे सैन्य परिवहन, मेडिकल इवैक्युएशन, आपदा राह सहित विभिन्न मिशनों के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। यह पहाड़ी इलाकों से लेकर रेगिस्तान तक कहीं भी उड़ान में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। 
  • दुनिया भर में होता है इस्तेमाल: चिनूक हेलीकॉप्टरों का दुनिया के कई देशों की आर्मी इस्तेमाल करती है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और सहित कई देश अपने आर्म्ड फोर्स में चिनूक के अलग-अलग वेरिएंट की तैनाती की गई है। 
  • आधुनिक वेरिएंट: चिनूक के नए वेरिएंट, जैसे सीएच-47एफ, में उन्नत एवियोनिक्स, बेहतर इंजन और ज्यादा भार उठाने की क्षमताएं हैं। इससे यह विभिन्न ऑपरेशन को सकुशल अंजाम देने में सफल होते हैं। 
  • रोटरी विंग लिफ्ट क्षमता: हेलीकॉप्टर के जुड़वां रोटर इसे भारी से भारी चीजों को उठाने में सक्षम बनाते है। यह भारी मालवाहक वाहनों और सैन्य वाहनों को उठा सकता है। जबकि दूसरे हेलिकॉप्टर की मदद से ऐसा करना संभव नहीं है। 
  • अलग आवाज: चिनूक हेलिकॉप्टर जब भी उड़ान भरते हैं एक खास किस्म की आवाज निकलती है। इसकी गर्जना वाली आवाज इसे दूसरे हेलिकॉप्टर से अलग बनाते हैं। इसकी आवाज से ही पता चल जाता है कि चिनूक हेलिकॉप्टर हवा में है।