Farmers Protest Reaction: फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर हरियाणा-पंजाब समेत अन्य राज्यों के 200 से अधिक किसान संगठन दिल्ली कूच (Delhi Chalo March) कर चुके हैं। लेकिन मंगलवार को उन्हें हरियाणा और पंजाब में बॉर्डर पर ही रोका गया। शंभू बॉर्डर और जींद बॉर्डर पर सुरक्षाबलों के साथ किसानों की झड़प भी हुई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों की मांगें नहीं मानने पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने किसानों को MSP की गारंटी दी। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में अब चुनाव कराने की जरूरत नहीं रह गई। किसानों को दिल्ली जाने से नहीं रोका जाए।
मोदी सरकार पर बरसे राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अंबिकापुर (छत्तीसगढ़) में कहा- ''आज किसान दिल्ली के लिए मार्च कर रहे हैं, लेकिन उन्हें रोका जा रहा है। उन पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। आखिर वे क्या बोलाना चाहते हैं? किसान सिर्फ अपनी मेहनत का फल मांग रहे हैं। भाजपा सरकार ने एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न दे दिया, लेकिन जो स्वामीनाथन ने कहा था उसे लागू नहीं करना चाहते हैं। उनकी रिपोर्ट में साफ तौर पर उल्लेख है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर किसानों को कानूनी हक मिलना चाहिए। बीजेपी सरकार ऐसा बुल्किल भी नहीं करना चाहती है। जब एनडीए की सरकार बनी थी तो उन्होंने कहा कि हम भारत के किसानों को एमएसपी की गारंटी (कानून) देंगे। स्वामीनाथन रिपोर्ट में कही गई बातों को पूरा करेंगे।''
मोदी सरकार पर भड़के राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (BKU) प्रमुख राकेश टिकैत ने कहा- "जब देश का विपक्ष कमजोर होता है तो देश में तानाशाहों का जन्म होता है। सब राजनीतिक पार्टियां एक हैं। सत्ता वाले भी और विपक्ष वाले भी। ये अपनी सरकार बचाएं। जब देश का राजा ही ये कह रहा है कि हम 400 सीट जीतेंगे तो फिर देश में चुनाव की जरूरत कहां रह गई? आप इसी चुनाव का नवीकरण कर लीजिए। आप क्यों देश को पागल बना रहे हैं।" इससे पहले वे किसानों के मार्च में बाधा डालने पर सरकार को चेतावनी दे चुके हैं। किसान यूनियन ने 16 फरवरी को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है।
किसान अपना फैसला वापस लें: अनिल विज
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल बिज ने कहा- ''किसान केंद्र सरकार के साथ बात करना चाहते हैं, केंद्रीय अधिकारी यहां वर्ता के लिए आए भी, दो बार बातचीत हो चुकी है और आगे भी इससे इनकार नहीं कर रहे हैं। इसके बाद भी किसान दिल्ली जाने के लिए अड़े हैं। आखिर वे दिल्ली क्यों जाना चाहते हैं? लगता है कि इससे पीछे उनकी कोई मंशा है। हम शांति भंग नहीं होने देंगे। किसानों अपना फैसला वापस ले लेना चाहिए।''
'हरियाणा को कश्मीर घाटी बना दिया'
पंजाब किसान संघर्ष समिति के महासचिव श्रवण सिंह पंधेर ने कहा- ''सरकार से संघर्ष रोकने की हमने हर संभव कोशिश की। हमें सरकार से कुछ सकारात्मक नतीजे मिलने की उम्मीद थी। हम अपने विचार पूरे देश के सामने रखना चाहते थे। हमने करीब पांच घंटों तक केंद्रीय मंत्रियों के साथ चर्चा की, लेकिन किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बनी। हरियाणा और पंजाब के गांवों में पुलिस लोगों को परेशान कर रही है। सरकार ने हरियाण को कश्मीर घाटी बना दिया। गांव-गांव में वाटर कैनन भेजे गए हैं।