Farmers Protest, Day 7: अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ केंद्र सरकार के मंत्रियों की टीम ने रविवार को चौथे चरण की बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री, पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय सरकार की ओर से शामिल हुए।यह बैठक देर रात तक चली। रविवार रात करीब दो बजे केंद्रीय मंत्री पीयूष गाेयल ने बैठक खत्म होने की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री गोयल ने पत्रकारों से कहा कि बातचीत सकारात्मक रही।
हमारी चर्चा सकारात्मक रही: पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों की चिंता करते हैं। भारतीय किसान मजदूर संघ और अन्य किसान नेताओं के साथ हमारी चर्चा सकारात्मक रही। हमने पिछले 10 साल में पीएम मोदी की ओर से किसानों के हित के लिए किए गए कामों को आगे बढ़ाने पर भी बात की। हमने किसानों के हित में नए विचारों पर चर्चा की। किसान संघ के प्रतिनिधियों की ओर से भी कुछ पॉजिटिव सुझाव मिले हैं। इन सुझावों से पंजाब, हरियाणा के साथ देश भर के किसानों को फायदा होगा। देश की अर्थव्यवस्था को भी इससे फायदा होगा।
MSP समेत तीन मुद्दों पर सहमति बनाने की कोशिश
केंद्रीय मंत्री गोयल ने बताया कि बैठक के दौरान सरकार की ओर से MSP, स्वामीनाथन आयोग और कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर किसानों के साथ सहमति बनाने की कोशिश की गई। खासकर एमएसपी के मुद्दे पर केंद्र सरकार के फ्रेमवर्क को अपनाने पर किसानों को राजी करने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि यह तीन मुद़्दे ऐसे हैं जिनपर किसान लंबे समय से सरकार के प्रस्तावों से सहमत नहीं हो रहे हैं। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव पर कुछ भी नहीं कहा है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि किसान इस पर सोमवार की सुबह तक जवाब देंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा सांसदों को दिखाएगा काला झंडा
रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने का फैसला किया गया। एसकेएम ने एक बैठक के बाद कहा कि 21 फरवरी से पूरे देश में मुहिम शुरू की जाएगी। इसके तहत सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और जिलाध्यक्षाें को अगले तीनों दिन तक काला झंडा दिखाया जाएगा। एसकेएम के सभी पदाधिकारी 21 फरवरी को नई दिल्ली में सरकार के खिलाफ लड़ाई तेज करने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बैठक करेंगे।
एसकेएम ने एमएसपी पर खरीद को लेकर रखा प्रस्ताव
संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को कहा कि हमारा प्रस्ताव है कि सरकार NCCF (नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) और NAFED (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) जैसी सहकारी समितियों का एकीकरण करे। यह एकीकृत बॉडी किसानों के साथ पांच साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट करें। जिसके तहत किसानों से एमएसपी पर उत्पादों की खरीद की जाए।