ANPR toll System : एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे पर 1 मई 2025 से टोल टैक्स वसूली की व्यवस्था बदल जाएगी। केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने FASTag सिस्टम खत्म कर नया टोल कलेक्शन सिस्टम लागू करने का ऐलान किया है। इसका सीधा फायदा लाखों लोगों को होगा। वाहन मालिकों को अभी टोल प्लाजा में टोल टैक्स के लिए रुकना पड़ता है, लेकिन नई व्यवस्था में इससे राहत मिलेगी।
क्या है नया टोल सिस्टम?
केंद्रीय मंत्री गडकरी के मुताबिक, मोदी सरकार ANPR आधारित टोलिंग सिस्टम (Automatic Number Plate Recognition) लागू करने जा रही है। ANPR आधारित टोल सिस्टम दुनिया के कुछ देशों में लागू है। इसमें गाड़ी की नंबर प्लेट स्कैन कर टोल चार्ज कर लिया जाता है।
नया टोल सिस्टम का उद्देश्य
भारत में ANPR आधारित टोल सिस्टम लागू करने का मूल उद्देश्य टोल टैक्स वसूली को अधिक स्मार्ट, ट्रांसपेरेंट और फास्ट बनाना है। कई बार FASTag होने के बावजूद टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। लोगों को घंटे खड़ रहना पड़ता है, जिससे न सिर्फ समय बल्कि ईंधन भी बर्बाद होता है।
ANPR टोल सिस्टम के फायदे
- गाड़ी रोकने की जरूरत नहीं है।
- FASTag की तरह अलग से टोल बूथ से गुजरने की जरूरत नहीं।
- सीधे बैंक अकाउंट या लिंक्ड पेमेंट वॉलेट से टोल टैक्स कटेगा।
- समय और ईंधन की बचत होगी।
- टोल प्लाजा पर भीड़ नहीं लगेगी
- टैक्स चोरी पर नियंत्रण लगेगा
- पूरे देश में एक समान व्यवस्था लागू होगी
ANPR टोल सिस्टम काम कैसे करता है?
ANPR सेटेलाइट आधारित हाईटेक टोल सिस्टम है। हाईवे पर लगे स्पेशल कैमरों और सॉफ्टवेयर की मदद से काम करता है। गाड़ी जैसे ही हाईवे पर प्रवेश करेगी, कैमरा नंबर प्लेट स्कैन कर लेगा। गाड़ी नंबर चूंकि आधार और बैंक अकाउंट से लिंक है। इसलिए टोल टैक्स ऑटोमेटिक कट जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया चंद मिनट में संपन्न होगी। टोल टैक्स कटते ही SMS या नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी भी मिल जाएगी।
नए टोल सिस्टम की चुनौतियां
ANPR टोल सिस्टम काफी फायदेमंद है, लेकिन शुरुआत में परेशानी का सबब भी बन सकता है। खासकर, वह जिन गाड़ियों की नंबर प्लेट खराब या अस्पष्ट है और जिनका डेटा परिवहन विभाग में दर्ज नहीं है। बुजुर्ग और तकनीकी तौर पर कमजोर लोगों को भी शुरुआत में असुविधा हो सकती है। हालांकि, सरकार ट्रांजिशन पीरियड देगी, लेकिन बाद में फास्ट टैग और टोल बूथ पूरी तरह से रिप्लेस होंगे।
- इंटरनेट प्रॉबलम और तकनीकी त्रुटि के चलते टोल वसूली में परेशानी होगी।
- लोगों को प्राइवेसी की चिंता हो सकती है।
- फर्जी नंबर प्लेट्स अथवा बिना पंजीकृत वाहनों से धोखाधड़ी हो सकती है।
समस्या से बचने क्या करें?
आप चाहते हैं कि नया टोल कलेक्शन सिस्टम smoothly काम करे तो गाड़ी की नंबर प्लेट साफ कर लें। ISI मानक वाली नंबर प्लेट लगवा लें। परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर वाहन पंजीयन और पर्सनल डेटा चेक कर लें। बैंक अकाउंट या डिजिटल पेमेंट मोड अपडेट रखें। साथ ही SMS अलर्ट के लिए मोबाइल नंबर अपडेट करें।