First Flight To Ayodhya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या नगरी को इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात दी। एयरपोर्ट का नाम रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा गया है। एयरपोर्ट पर आज यानी शनिवार (30 दिसंबर) को पहली फ्लाइट लैंड हुई। इंडिगो एयरलाइंस के विमान ने दिल्ली एयरपोर्ट से दोपहर को उड़ान भरी और यह शाम करीब 4 बजे अयोध्या एयरपोर्ट पर उतरा। इसमें करीब 150 यात्री सवार थे।

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फ्लाइट के अंदर यात्रियों का जोश देखते ही बन रहा था। इनमें बच्चे-बूढ़े और महिलाएं लगभग हर उम्र के लोग शामिल थे। यात्री लगातार जय श्रीराम के जयकारे लगाते नजर आए तो कोई हनुमान चालीसा का पाठ करता रहा। यात्रियों ने बार-बार पीएम मोदी के प्रति आभार जताया।


पायलट बोले- जय श्रीराम, ये गर्व का क्षण है
दिल्ली से उड़ान भरने से पहले पायलट आशुतोष शेखर ने जयश्री राम के उद्घोष के साथ सभी यात्रियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा- यह मेरे और इंडिगो के लिए सबसे बड़ा दिन है। मुझे इस योग्य समझने के लिए इंडिगो का शुक्रिया। एयरलाइंस ने मुझे इतनी महत्वपूर्ण फ्लाइट की कमांड दी है। मेरे साथ सहयोगी कप्तान निखिल बख्शी हैं। अयोध्या एयरपोर्ट पर सबसे पहली फ्लाइट उतारने पर हमें गर्व है। उम्मीद करते हैं की आपकी यात्री शुभ हो। जय श्रीराम... पायलट की पत्नी और उनका परिवार भी फ्लाइट से अयोध्या पहुंचे।

अयोध्या एयरपोर्ट एक नजर में: 
- एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने करीब 1450 करोड़ रु. की लागत से महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बनाया है। यह अयोध्या से 15 किमी की दूरी पर स्थित है।
- अभी एयरपोर्ट बिल्डिंग का क्षेत्रफल 6500 वर्ग फीट है, जो आगे बढ़ाकर 5 लाख वर्ग फीट किया जाएगा। फिलहाल यहां सालाना 10 लाख यात्रियों के अनुमान से सुविधाएं विकसित की गई हैं।
- एयरपोर्ट पर श्रीराम की जीवन शैली को प्रदर्शित करती कलाकृतियां पूरे देश से लाकर लगाई गई हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने रिकॉर्ड 20 महीने में एयरपोर्ट का काम पूरा किया है।

महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मॉडल।

'एयरपोर्ट पर दिखेगी श्रीराम की जीवन शैली'
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एयरपोर्ट के उद्घाटन पर कहा कि हमें अयोध्या को भारत ही नहीं, विश्व के मंच पर लाना है। आज रेल और हवाई मार्ग से अयोध्या की कनेक्टिविटी बढ़ी है। भारत आज विश्व पटल पर एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में उभर रहा है। श्रीराम की जीवन शैली को एयरपोर्ट के कोने-कोने में दिखाया गया है। हर दीवार पर श्रीराम से जुड़ी कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया गया है।