Indo-China: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग के टकराव वाले क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी होने के बाद पहली पेट्रोलिंग पूरी की जा चुकी है। दोनों देशों की सेनाएं उन क्षेत्रों में गश्त करने पर सहमत हुई हैं, जहां साल 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद तनाव बना हुआ है।
बता दें कि इस पेट्रोलिंग का कोऑर्डिनेशन स्थानीय स्तर पर किया जाता है और ग्राउंड रूल स्थानीय कमांडरों द्वारा एक-दूसरे से बात करने के बाद तय किए जाते हैं।
भारत और चीन समझौते का कर रहे हैं पालन
भारत और चीन डेमचोक और देपसांग में शांति समझौते का पालन कर रहे हैं। दोनों देशों की सेना पेट्रोलिंग के जरिए डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी हैं। दोनों पक्ष इन स्थानों पर अपने अस्थायी बुनियादी ढांचे को हटाने पर सहमत हो गए हैं।
भारत और चीन दोनों ने अक्टूबर में संघर्ष वाले इलाकों से सैनिकों की वापसी पर सहमति बनने के बाद नवंबर की शुरुआत में क्षेत्र में पहली कोऑर्डिनेशन पेट्रोलिंग की है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक प्रत्येक क्षेत्र (डेमचोक और देपसांग) में एक बार भारतीय सैनिकों द्वारा और एक बार चीनी सैनिकों द्वारा गश्त की जाएगी।
देपसांग और डेमचोक पर बनी थी सहमति
आपको बता दें कि भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने सैनिकों को पीछे हटाने और फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए नए समझौते पर पहुंचे हैं। यह समझौता देपसांग और डेमचोक इलाकों में पेट्रोलिंग को लेकर है। यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम 22-23 अक्टूबर को होने वाले 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से ठीक पहले सामने आया था
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