Logo
Formation of parliamentary committees:केंद्र सरकार की 24 संसदीय समितियों का गठन हुआ हुआ है। इस समिति में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, शशि थरूर, कंगना रनौत और रामगोपाल यादव समेत कई नेताओं को जगह मिली है।

Formation of parliamentary committees: केंद्र सरकार ने मंत्रालयों से जुड़ी संसद की 24 स्थाई समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों में बीजेपी से लेकर विपक्ष तक के नेताओं को जगह मिली है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को शिक्षा मंत्रालय जबकि चरणजीत सिंह चन्नी को कृषि मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

गृह मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति का अध्यक्ष बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल जबकि कानून और कार्मिक मंत्रालय से जुड़ी समिति का अध्यक्ष बृजलाल को बनाया गया है।

यह भी पढ़ें: Bihar: जितिया व्रत महोत्सव में हादसा, स्नान के दौरान अलग-अलग जगहों में 37 बच्चों समेत 43 की मौत, 3 लापता

अनुराग ठाकुर को कोयला और खनन मंत्रालय जबकि निशिकांत दुबे को महत्वपूर्ण संचार और आईटी मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति का अध्यक्ष बनाया है। टीएमसी और डीएमके के खाते में 2 -2 समितियों की अध्यक्षता गई है, जबकि जेडीयू और सपा के खाते में एक एक समिति की अध्यक्षता दी गई है। राहुल गांधी को रक्षा मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति का सदस्य बनाया गया है, इस समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह होंगे।

शशि थरूर को विदेश मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति जबकि भर्तृहरि महताब को वित्त मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति का अध्यक्ष बनाया है। राजीव प्रताप रूडी को जल संसाधन मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति का अध्यक्ष बनाया है। यूसुफ पठान वाणिज्य मंत्रालय तो हरभजन सिंह शिक्षा मंत्रालय से जुड़े स्थाई समिति के सदस्य बनाए गए हैं। 

संसद की स्थायी समिति क्या होती है? 
संसद की स्थायी समिति संसद के अंदर ही गठित की गई ऐसी समितियां होती हैं जो किसी विशेष विषय या मंत्रालय से संबंधित मामलों पर गहराई से अध्ययन करती हैं। ये समितियां संसद के मुख्य कार्यों को अधिक कुशलता से करने में मदद करती हैं। ये समितियां सरकार द्वारा पेश किए गए विधेयकों का विस्तृत अध्ययन करती हैं और उनमें सुधार के लिए सुझाव देती हैं। कई बार किसी मुद्दे पर या विधेयकों पर पक्ष और विपक्ष में होने वाले गतिरोध को दूर करने के लिए भी संसद की स्थायी समिति की मदद ली जाती है। 

यह भी पढ़ें: MUDA स्कैम: कर्नाटक में CBI बैन! एजेंसी को जांच के लिए राज्य सरकार से लेनी होगी परमिशन

5379487