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Poonch Attack: पुंछ के सुरनकोट इलाके में हुए हमले में एयरफोर्स के 5 जवान घायल हुए थे। जिनमें से एक कॉर्पोरल विक्की पहाड़े ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस हमले को असगर नाम के शख्स ने अपनी आंखों से देखा था।

Poonch Attack: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एयर फोर्स के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर बुधवार, 8 मई को अहम जानकारी सामने आई है। सुरक्षाबलों के काफिले पर तीन आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया था। इनमें एक पाकिस्तानी सेना का पूर्व कमांडो भी शामिल है। तीनों आतंकी हाल के दिनों में पुंछ और राजौरी में हुए दूसरे आतंकी हमलों में भी शामिल रहे हैं। 

News18 JKLH ने आतंकियों की तस्वीरें जारी की हैं। सूत्रों का कहना है कि यह तस्वीरें उन आतंकियों की है, जिन्होंने 4 मई को एयरफोर्स के काफिले पर हमला किया था। तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। राजौरी और पुंछ इलाके में एक्टिव हैं। एक दिन पहले मंगलवार को सेना ने दो आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं। दोनों संदिग्ध आतंकियों पर 20 लाख रुपए का इनाम रखा गया है। 

Poonch Attack
Poonch Attack

ये हैं तीन आतंकी, जिन्होंने किया हमला

  • अबू हमजा: ये लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर है। 
  • आलिया फोजी: ये पाकिस्तान आर्मी का पूर्व कमांडर है। इसका कोड नेम फोजी है। 
  • आधुन: तीसरे आतंकी का नाम आधुन है। 

प्रत्यक्षदर्शी बोला- 20 मिनट हुई थी भयंकर गोलीबारी, रोड पड़े थे मेरे बच्चे
पुंछ के सुरनकोट इलाके में हुए हमले में एयरफोर्स के 5 जवान घायल हुए थे। जिनमें से एक कॉर्पोरल विक्की पहाड़े ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस हमले को असगर नाम के शख्स ने अपनी आंखों से देखा था। उन्होंने चौंकाने वाली जानकारी दी है। उन्होंने यह भी बताया कि कायरतापूर्ण हमले के दौरान क्या हुआ था?

असगर पुंछ के जारन वली गली इलाके में रहते हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच करीब 20 मिनट तक मुठभेड़ चली थी। हम डर गए थे, क्योंकि भयंकर गोलीबारी हो रही थी। मुझे बाद में पता चला कि हमारे कुछ सैनिक घायल हो गए हैं और उनमें से एक ने बाद में दम तोड़ दिया। गोलियों की आवाज सुनकर मेरे बच्चे रोने लगे थे। हमला करने में कितने आतंकी थे, यह नहीं बता सकता। आतंकी घने जंगल में थे। इसलिए उन्हें नहीं देख सका।

Poonch Attack
पुंछ हमले के प्रत्यक्षदर्शी असगर।

हर पल रहती है बच्चों के सुरक्षा की चिंता
असगर कहते हैं कि हमले के बाद से मैं हर सुबह उठते ही अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डरता हूं। हमले के बाद से इस दूरदराज के इलाके में आवश्यक आपूर्ति करने वाले वाहनों ने आना बंद कर दिया है। जिससे लोगों को राशन भी नहीं मिल पा रहा है। मेरी नौकरी रात की है। इसलिए मुझे अपनी सुरक्षा का और भी अधिक डर रहता है। सुरक्षाबल के जवान अभी भी हर जगह आतंकियों की तलाश कर रहे हैं।

असगर ने कहा कि मैं दुआ करता हूं कि आतंकियों को अक्ल आए, जो हिंसा में विश्वास करते हैं। आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाला अधिकारी भी किसी का पति, भाई और बेटा था। आतंकवादी मरने के लिए तैयार होते हैं लेकिन निर्दोषों की जान भी ले लेते हैं।

असगर ने कहा कि मैं यहां रहता हूं और सेनाएं हर दिन इस दिन से गुजरती हैं। वायु सेना के जवान अक्सर मेरे बच्चों को पकड़ने और उन्हें टॉफी देने के लिए रुकते हैं। हमें गहरा दुख है कि हमारे चार सैनिक घायल हो गए और उनमें से एक की मौत हो गई। 

सोमवार को पहाड़े का हुआ अंतिम संस्कार
कॉर्पोरल पहाड़े का अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके गृहनगर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में किया गया। शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उधमपुर से विशेष विमान द्वारा नागपुर लाया गया, जहां से सेना के विशेष हेलीकॉप्टर द्वारा छिंदवाड़ा लाया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शहीद वीर को श्रद्धांजलि अर्पित की। अंतिम यात्रा में तमाम लोग उमड़े थे। सभी ने पहाड़े को अश्रुपूर्ण विदाई दी। 

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