Captain Shubhanshu Shukla: इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा( NASA) इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर भेजने जा रहा है। इसरो ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) ने अमेरिका स्थित Axiom Space के साथ Axiom-4 मिशन के लिए एक स्पेस फ्लाइट एग्रीमेंट (Space Flight Agreement) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस मिशन के लिए शुभांशु शुक्ला को मुख्य पायलट और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर को बैकअप पायलट के रूप में चुना गया है। आइए जानते हैं, कौन ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला।
अगस्त से शुरू होगी प्रशिक्षण प्रक्रिया
इंडियन एयरफोर्स के दोनों अफसरों को अब 'गगनयात्री' के नाम से बुलाया जाने लगा है। दोनों अफसर अपनी ट्रेनिंग की शुरुआत अगस्त के पहले सप्ताह से करेंगे। पिछले साल वायुसेना के चार टेस्ट पायलटों का गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के लिए चयन किया गया था। इन्हें शुरुआती ट्रेनिंग इसरो के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग (Astronaut Training) सेंटर, बेंगलुरु में दी गई थी। गगनयान मिशन भारत का महत्वाकांक्षी स्पेस प्रोग्राम है, जिसका मकसद भारत के स्पेस ह्यूमन मिशन मानव मिशन क्षमता को प्रदर्शित करना है। इस मिशन में तीन सदस्यीय क्रू को 400 किमी की आर्बिट में तीन दिन के स्पेश मिशन पर भेजने की योजना है।
कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला?
कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Group Captain Shubhanshu Shukla) लखनऊ के रहने वाले हैं। कैप्टन शुक्ला का भारतीय वायुसेना में सफर करीब 18 साल पहले शुरू हुआ था। कैप्टन शुक्ला ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में मिलिट्री ट्रेनिंग हासिल की है। कैप्टन शुक्ला अपने बचपन में अक्सर कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान के किस्से सुना और पढ़ा करते थे। इससे उन्हें आर्म्ड फोर्स में शामिल होने की प्रेरणा मिली। कैप्टन शुभांशु शुक्ला का कहना है कि गगनयान मिशन के लिए चयन होना मेरे लिए एक ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
गगनयान मिशन के लिए चयन की कहानी
शुभांशु शुक्ला के करियर में साल 2018 में एक अहम मोड़ आया। उस समय देश में गगनयान मिशन का ऐलान किया गया। ऐसे कैप्टन शुक्ला को इसके बारे में और ज्यादा जानने की इच्छा हुई। कैप्टन शुक्ला ने इस मिशन के लिए अप्लाई कर दिया। लगभग एक साल तक चली चयन प्रक्रिया के बाद शुभांशु शुक्ला का गगनयान मिशनप में सिलेक्शन हो गया। बता दें कि करीब 70 फाइटर पायलटों ने इस मिशन से जुड़ने के लिए आवेदन किया था। 2020 में, जब उन्हें रूस में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया, तभी उन्हें एहसास हुआ कि वह अब इस प्रतिष्ठित मिशन का हिस्सा बनेंगे।
परिवार में सब प्यार से बुलाते हैं 'गुंजन'
शुभांशु का परिवार उन्हें प्यार से 'गुंजन' बुलाता है। वे तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और अपने परिवार से सशस्त्र बलों में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति हैं। उनके परिवार का कहना है कि यह उनके लिए एक बहुत बड़ा दिन है। शुभांशु का एक चार साल का बेटा भी है। अपने अद्वितीय समर्पण और कड़ी मेहनत के कारण, शुभांशु ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है।