Ganderbal Attack:जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित समूह 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है। इस हमले में एक डॉक्टर और छह प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी गई। सूत्रों के अनुसार, इस हमले का मास्टरमाइंड TRF प्रमुख शेख सज्जाद गुल है, जिसने अपने स्थानीय मॉड्यूल से यह हमला करवाया। यह पहली बार है जब कश्मीरियों और गैर-कश्मीरियों को एक साथ निशाना बनाया गया है। (Pakistan-based terror group) इस हमले की वजह से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।

गांदरबल में सुरक्षाबलों की सख्ती, NIA और IB जुटे जांच में

केंद्र सरकार ने इस हमले के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और खुफिया ब्यूरो (IB) से रिपोर्ट मांगी है। चार सदस्यीय NIA टीम सोमवार को घटनास्थल का दौरा करेगी। इस हमले की जांच NIA को सौंपने की संभावना जताई जा रही है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में इस्तेमाल की गई साजिश की जांच गहनता से की जा रही है। जांच टीम (investigation team) के अधिकारियों का मानना है कि हमलावरों ने हमले से पहले एक महीने तक इलाके की रेकी की थी।

जेड-मोर्ह सुरंग परियोजना पर काम कर रहे थे मारे गए लोग
आतंकी हमले में मारे गए डॉक्टर और मजदूर जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में बन रही जेड-मोर्ह सुरंग परियोजना (Z-Morh tunnel project) पर काम कर रहे थे। रविवार रात को जब सभी मजदूर अपने शिविर में लौटे थे, तभी आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में घायल हुए पांच अन्य लोग भी सुरंग परियोजना से जुड़े थे। हमले के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और पुलिस जांच में जुटी हुई है।

राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला ने की हमले की निंदा
इस कायराना हमले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या न केवल निंदनीय है, बल्कि यह आतंकवादियों की कायरता का परिचायक है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष लोगों पर हमला किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। दोनों नेताओं ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। 

 पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर फिर उठे सवाल
TRF को लश्कर-ए-तैयबा का एक हिस्सा माना जाता है। हाल के महीनों में जम्मू-कश्मीर में यह पाकिस्तानी संगठन सक्रिय हो गया है। यह संगठन लगातार कश्मीरी पंडितों, सिखों और गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बना रहा है। पिछले डेढ़ साल में इस संगठन ने कई हमले किए हैं। इस ताजा हमले ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। (Lashkar-e-Taiba) कश्मीर में आतंकियों की बढ़ती गतिविधियां सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं।

कश्मीर के लोगों की सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता
गांदरबल में हुए इस हमले के बाद से कश्मीर के स्थानीय लोगों और प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। सरकारी अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ताकि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों। वहीं, केंद्र सरकार भी कश्मीर में सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। (Kashmir safety) सुरक्षा बलों ने आतंकियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू कर दिया है।