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Ghatkopar Case arrest: घाटकोपर होर्डिंग मामले में मुंबई पुलिस ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी और विज्ञापन एजेंसी ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर भावेश भिंडे को गिरफ्तार कर लिया।

Ghatkopar Case arrest: घाटकोपर होर्डिंग मामले में मुंबई पुलिस ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी और विज्ञापन एजेंसी ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर भावेश भिंडे को गिरफ्तार कर लिया। भिंडे की कंपनी ने ही घाटकोपर में वह बिलबोर्ड लगाया था जो 13 मई को तेज हवा और बारिश के बाद एक पेट्रोल पंप पर जा गिरा था। हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई थी और 74 लोग घायल हो गए थे। भिंडे हादसे के बाद से फरार था। वह राजस्थान के उदयपुर में छिपा था।

उदयपुर से मुंबई लाया जा रहा भिंडे
पुलिस भिंडे को उदयपुर से अरेस्ट करने के बाद मुंबई ले जा रही है। बता दें कि  भिंडे की कंपनी ने घाटकोपर पूर्व के पंत नगर में 120x120 फुट का विज्ञापन होर्डिंग लगाया था। 13 मई को जब यह होर्डिंग पेट्रोल पंप पर गिरा था तो करीब 100 लोग इसके अंदर फंस गए थे। करीब 9 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद सभी लोगों को रेस्क्यू किया गया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने के आदेश दिए थे। सभी घायलों को मुफ्त इलाज और मृतकों के परिजनों के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया था।

नियमों का उल्लंघन कर लगाया गया था होर्डिंग
जांच के दौरान पाया गया था कि होर्डिंग को नियमों को ताक पर रखते हुए लगाया था। भिंडे की कंपनी ने सिर्फ 40x40 फीट के होर्डिंग लगाने की मंजूरी ली थी। हालांकि नियमों का उल्लंघन करते हुए इसका आकार  120x120 फुट कर दिया गया था। इसके बावजूद इसे भारत में लगे सबसे बड़े कॉमर्शियल होर्डिंग होने का दावा किया गया था। भिंडे ने सबसे बड़े कॉमर्शियल होर्डिंग को लगवाने के लिए लिम्का बुक ऑफ  रिकॉर्ड्स मेंं नाम दर्ज कराने का आवेदन भी दिया था। 

भिंडे का लगाने के लिए गठित की गई थी 10 से ज्यादा पुलिस टीम
बीते सोमवार को हुए इस हादसे के बाद मुंबई की पंत नगर पुलिस ने भिंडे पर इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 304 के तहत गैर इरादतन हत्या, सेक्शन 337 के तहत दूसरों की जिंदगी या निजी सुरक्षा में डालने या चोट पहुंचाना, सेक्शन 338 के तहत किसी के जीवन को या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने समेत कई धाराओं में मामना दर्ज किया था। भिंडे हादसे के बाद मुंबई छोड़कर फरार हो गया था। भिंडे का पता लगाने के कि लिए मुंबई और गुजरात की पुलिस ने 10 से ज्यादा टीमों का गठन किया था। 

भिंडे के खिलाफ दर्ज हैं दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामले
भिंडे के खिलाफ कई और मामले में भी दर्ज हैं। इनमें से दो मामले बेहद संवेदनशील हैं। दोनों मामले दुष्कर्म, छेड़छाड़ और धोखाधड़ी से जुड़े हैं। इस साल जनवरी में भिंडे के ऑफिस में काम करने वाली एक महिला ने उस पर दुष्कर्म और छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था। हालांकि, भिंडे को इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी। इसलिए मुलुंड पुलिस भिंडे को अरेस्ट नहीं कर पाई थी। पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट भी दायर की थी।

निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुका है भावेश भिंडे
भिंडे के खिलाफ दूसरा मामला भी मुलंड थाने में ही दर्ज है। यह मामला 2016 में दर्ज कराया गया था। भिंडे के खिलाफ मुंबई नगर निगम एक्ट 1988 के तहत जुर्माने के 21 मामले भी दर्ज हैं। भिंडे मुलुंड सीट से 2009 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव भी लड़ चुका है। हादसे के बाद पता चला था कि भिंडे ने पेट्रोल पंप के आसपास चार बड़े होर्डिंग लगवाए थे। एक होर्डिंग गिरने के बाद बीएमसी ने एक्शन लेते हुए भिंडे की कंपनी की ओर से लगाए गए तीन अन्य होर्डिंगों को हटाने का आदेश जारी किया था। 

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