Lok Sabha Elections 2024: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है। पूर्व कांग्रेस नेता का यह फैसला काफी चौंकाने वाला है, क्योंकि कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) बनाई थी। पार्टी ने 2 अप्रैल को गुलाम नबी आज़ाद को कश्मीर की अहम माने जाने वाली अनंतनाग-राजौरी सीट से लोकसभा प्रत्याशी बनाया था। यहां उनका मुकाबला पीडीपी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद से था।
गुलाम नबी आजाद ने शीर्ष नेताओं की थी चर्चा
आजाद (Ghulam Nabi Azad) की पार्टी DPAP के एक नेता ने कहा कि यह फैसला शीर्ष नेतृत्व से चर्चा के बाद लिया गया है। सीनियर लीडर और लोगों का रुझान था कि गुलाम नबी आजाद को वापस संसद में दिल्ली नहीं लौटना चाहिए। बल्कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में काम करके मुख्यमंत्री बनना चाहिए और उन्हें रियासत के लिए काम करना चाहिए। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं और आजाद की निगाहें फिर एक बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।
आजाद की जगह युवा चेहरे को मिलेगा मौका
गुलाम नबी आजाद की पार्टी अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर किसी युवा चेहरे को मौका देना चाहती है। इस रेस में एडवोकेट सलीम पेरी का नाम सबसे आगे है। संभव है कि वे गुरुवार को अपना नॉमिनेशन दाखिल करें। इससे पहले पार्टी ने 2 अप्रैल को गुलाम नबी आज़ाद को इस सीट से लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया था। यहां पीडीपी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद चुनाव मैदान में हैं।
आजाद ने राहुल और उमर पर बोला था हमला
गुलाम नबी आजाद ने पिछले दिनों कठुआ गैंगरेप के दोषियों के पक्ष में बयान देने वाले लाल सिंह का समर्थन करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को आड़े हाथों लिया था। आजाद ने कहा- ये लोग बीजेपी से भी बदतर हैं। राहुल गांधी ने एक बार कहा था कि जब तक हम नहीं जाएंगे तब तक गिरफ्तारी करो। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक वह जेल नहीं जाएंगे, हम सांस नहीं ले पाएंगे; जेल का क्या हुआ? आज वे पागलों की तरह सड़कों पर घूम रहे हैं।