102 Year Old Cricketer Haji Karam Din: जिस उम्र में चलना-फिरना दुश्वार हो जाता है, सहारे की जरुरत पड़ती है, उस उम्र में जम्मू- कश्मीर का एक शख्स मैदान में क्रिकेट खेलते नजर आता है। नाम हाजी करम दीन और उम्र 102 साल है। वह उम्र अपने ऊपर हावी नहीं होने देते हैं। बुढ़ापे की वजह से चलने के लिए लाठी का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन किसी नौजवान की तरह एक्टिव रहते हैं। उन्हें क्रिकेट खेलना काफी पसंद है। इसलिए रोज क्रिकेट के मैदान में पहुंच जाते हैं।
आंखों पर चश्मा, हाथों में ग्लव्स और सिर पर टोपी पहने हाजी करम दीन जब बल्लेबाजी करते हैं तो देखने वाले दंग रह जाते हैं। वे युवाओं को पढ़ाई करने के साथ खेलने के लिए भी प्रेरित करते हैं। वह अपने बेटों के साथ मैदान में खेलते हैं। हाजी करम दीन लोगों के लिए एक प्रेरणा पुंज हैं।
रियासी जिले के रहने वाले करमदीन
हाजी करम दीन जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मुझे क्रिकेट खेलना पसंद है। मैं अपने बेटे को भी क्रिकेट खिलाता हूं। वह यदि गलत खेलता है तो उसे डांटता भी हूं। मैं क्रिकेट के मैदान में इसलिए आता हूं ताकि देख सकूं कि युवा कैसे खेलते हैं। उन्होंने कहा कि आसपास मेरी उम्र का अब कोई भी जिंदा नहीं है। मेरे साथ के लोगों में से हर किसी का निधन हो चुका है।
26 अप्रैल को किया था मतदान
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण मं 26 अप्रैल जम्मू के रियासी जिले में वोटिंग थी। हाजी करमदीन मतदान केंद्र 166, एसी-57 रियासी पर अपना वोट डाला था। पीठासीन अधिकारी ने उनका फूलों से स्वागत किया था। करमदीन ने कहा कि मैंने हमेशा मतदान किया है। ये सफर आज 102 साल की उम्र में भी जारी है।
नशे और बेरोजगारी की समस्या पर रखी राय
जम्मू-कश्मीर में युवाओं के सामने आने वाले गंभीर मुद्दों, विशेष रूप से नशीली दवाओं के दुरुपयोग और बेरोजगारी से उत्पन्न चुनौतियों पर जोर देते हुए करमदीन ने तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया था।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में युवा नशीली दवाओं की समस्या और बेरोजगारी के कारण पीड़ित हैं। जो भी सरकार सत्ता में आए उसे युवा पीढ़ी को बचाने के लिए नौकरियां उपलब्ध करानी चाहिए। युवा सशक्तीकरण और सामाजिक कल्याण के महत्वपूर्ण अंतरसंबंध पर उनकी मार्मिक दलील कई लोगों को पसंद आई।