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Haribhoomi Exclusive:मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का साक्षात्कार। हरिभूमि और आईएनएच न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी का शिवराज सिंह चौहान से 'चुनावी संवाद'

Haribhoomi Exclusive: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा चुनाव में सीट से बीजेपी के कैंडिडेट शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस की ओर से बीजेपी पर लगाए जा रहे आरोपों, प्रदेश की राजनीति से दिल्ली की राजनीति शुरू करने और INDI गठबंधन का मौजूदा लोकसभा चुनाव पर पड़ने वाले असर को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखी। शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी पर लगाए जा रहे धर्म आधारित राजनीति करने और लोकसभा चुनाव के बाद 400 से ज्यादा सीटें आने पर संविधान से छेड़छाड़ करने जैसे मुद्दों पर राय रखी। यहां पढ़िए,  शिवराज सिंह चौहान से हरिभूमि व आईएनएच न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी का 'चुनावी संवाद।

सवाल: आप तीन बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, क्या ऐसा हासिल करना बाकी रह गया कि अब प्रदेश की राजनीति छोड़ कर  दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं?
भारतीय जनता पार्टी के नेता कुछ पाने के लिए राजनीति नहीं करते हैं। राष्ट्रीय पुनर्निमाण, देश की सेवा, जनता के कल्याण और दरिद्र नारायण की सेवा के लिए राजनीति करते हैं। भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय पुननिर्माण का अभियान और आंदोलन है। हम बीजेपी के कार्यकर्ता में इसलिए काम नहीं करते कि हमें क्या चाहिए। व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानान है कि देश की सेवा और जनता करने का सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म है तो बीजेपी है। 

बीजेपी ही भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इतनी ऊंचाई पर ले गई है कि दुनिया आज भारत और मोदी के बिना चल नहीं सकती। भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को शाश्वत शांति का के पथ का दिग्दर्शन अगर कोई कराएगा वह हमारा देश पीएम मोदी के नेतृत्व में कराएगा। बीजेपी उसका माध्यम बनेगी। पार्टी का काम मेरे लिए भगवान की पूजा जैसा है। जहां भी पार्टी कोई काम मुझे देती है, मैं अपना पूरा सामर्थ्य और क्षमता लगाकर करने की कोशिश करता हूं। 

पार्टी में जब आप काम करते हैं तो पार्टी तय करती है कि आप क्या करेंगे। हर एक व्यक्ति तय नहीं कर सकता कि आप क्या करेंगे। पार्टी ने मुझे कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ो, तो मैंने लोकसभा का चुनाव लड़ा। साथ ही सभी सीटों पर चुनाव प्रचार भी किया। 

सवाल: तकरीबन साढ़े तीन दशक के संसदीय जीवन के दौरान क्या बदलाव देखने को मिल रहा है? कोई फर्क है?
जवाब: नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में कैसे परिवर्तन हुए हैं। जो मुद्दे जिनके बारे में लोग कहा करते थे, कि यह सिर्फ नारे लगाने के लिए हैं। ऐसा कहा जाता था कि आर्टिकल 370 कभी खत्म नहीं होगा और आज आर्टिकल 370 खत्म हो चुका है। सीएए लागू हो रहा है। अयोध्या में दिव्य और भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो गया है। देश की आर्थिक मोर्चे पर प्रगति हमारे सीने को गर्व से भर देती है।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। एक जमाना था जब पीद्दी से पीद्दी देश हमें डराया करते थे। भारत की जनता देखती थी कि जब कांग्रेस जब राज करती थी तो बेबस होकर हमारे तत्कालीन सत्ताधीश हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते थे। लेकिन बीजेपी की सरकार है, नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, उन्होंने साफ कहा कि हम किसी को छेड़ेंगे नहीं लेकिन किसी ने हमें छेड़ा तो हम छोडेंगे नहीं। सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, आतंकवाद का खात्मा किया गया। कश्मीर में जहां पहले बमों के धमाके और बारूद की गंध हुआ करती थी, वहीं अब वहां पर ट्यूलिप फूलों की बहार है। 

जम्मू कश्मीर में कैसा मतदान हो रहा है पूरी दुनिया देख रही है। आतंकवाद और नक्सलवाद खत्म होने की कगार पर है। जनता के जीवन में गुनात्मक बदलाव आया है। गरीब कल्याण के लिए जितने काम हुए हैं वह अद्भुत और अभूतपूर्व हैं। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। अगर प्रधानमंत्री मोदी नहीं होते तो क्या इतनी जल्दी वैक्सीन बनती। एक नहीं दो दो वैक्सीन बनी। देश में 200 करोड़ से ज्यादा डोज लगे। जनता का जीवन सुरक्षित बना। नहीं, तो हम वैक्सीन जैसी चीजों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहते। विकास के नजरिए से देखें तो चारों तरफ, एयरपोर्ट, पोर्ट और हाईवे बन रहे हैं। जैसा निवेश आ रहा है उसने देश की आर्थिक सेहत को बहुत मजबूत किया है। पूरा देश आज आत्मविश्वास के साथ खड़ा है कि मोदी है तो मुमकिन है। 

सवाल: कश्मीर में बीजेपी चुनाव नहीं लड़ रही है, आखिर बीजेपी ने कश्मीर के लिए इतने कदम उठाए तो चुनाव में जाने की हिम्मत क्यों नहीं जुटाई?

जवाब: बीजेपी भारत, अपने देश और देश की जनता के लिए काम करती है। आज कश्मीर की प्रगति और विकास हो रहा है। कश्मीर में टूरिज्म कितना फल फूल रहा है, हम सबका मन आनंद और प्रसन्नता से भर जाता है। जहां तक चुनाव लड़ने की बात है तो बीजेपी कश्मीर घाटी में अपने संगठन को मजबूत करेगी और फिर वहां से चुनाव भी लड़ेगी। कई बार पार्टी तात्कालिक फैसले भी लेती है।

सवाल: आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल जितनी चिंता और सद्भभावना आपके लिए और डॉ. रमण सिंह और वसुंधरा राजे और मनोहर लाल खट्टर के लिए कर रहे हैं उतनी तो बीजेपी के नेता भी नहीं करते, वे कह रहे हैं कि वन इलेक्शन वन नेशन की बात हो रही थी, यहां पर वन पार्टी वन लीडर पर जा रहा है, आप सबकी राजनीति खत्म कर दी गई, इस सद्भावना पर आप  क्या कहेंगे?

जवाब: लीडर तो एक ही होता है। बीजेपी में नेता अनेक हैं, लेकिन हम जिनके नेतृत्व में काम कर रहे हैं और सिर्फ बीजेपी के नेता नहीं बल्कि पूरे देश की जनता जिनको श्रद्धा और भक्ति के भाव से देखती है वह प्रधानमंत्री मोदी हैं। केजरीवाल इस तरह की बात इसलिए करते हैं क्योंकि वह पीएम मोदी की लोकप्रियता का जमीन पर कहीं मुकाबला नहीं कर पाते। इसलिए वह ऐसे मुद्दे उठाते हैं, जो वास्तव में मुद्दे हैं नहीं, उन्हें उठाने की कोशिश करते हैं।  वह जेल में जाकर कुंठित हो गए हैं या फिर पराजय से आसन्न होकर बौखला गए हैं। बड़ी ईमानदारी का चोला पहनकर राजनीति में आए थे लेकिन आम आदमी पार्टी सबसे करप्ट निकल गई। अन्ना हजारे के आंदोलन से निकली पार्टी इतनी भ्रष्ट निकलेगी किसी ने नहीं सोचा था। अब, वह जहां भी जाते हैं लोग शराब घोटाले को याद करते हैं।

सवाल: आपने उस दौर को भी देखा जब इंदिरा गांधी के संदर्भ में एक वातावरण बना, तानाशाही के दौर के रूप में उसे याद किया जाता है, आपातकाल को याद किया जाता है, उसके खिलाफ सारे विपक्षी दल एकजुट हुए थे और उस कालखंड का विरोध किए थे, इस बार भी विपक्षी दल बोल रहे हैं कि हम एकजुट हैं, वह उसे इंडिया बुलाते हैं, आप उसे इंडी बुलाते हैं, इसे आप कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं। 

जवाब: इंडी गठबंधन कोई चुनौती नहीं है। मोदी जी के प्रति जनता के मन में जो भरोसा है, पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए और बीजेपी की सरकार ने जो काम किए हैं, उसके कारण पूरा देश, देश का जनमानस पीएम मोदी के साथ खड़ा है। इंडी गठबंधन में वो तमाम जनता से ठुकराए नेता भी हैं जो अपने राज्य में पकड़ समाप्त कर रहे हैं। दूसरी बात यह है कि इनकी नीति, नीयत और इनका नेता एक नहीं है। ना दिशा है और ना ही दृष्टि है। मुझे तो हंसी आती है कि जो खुद 24 सीटों पर लड़ रहे हैं वह ऐसे ऐसे अनूठे वादे कर रहे हैं कि यकीन नहीं होता। मैंने देखा कि एक नेता ने वादा कर रहे हैं कि हम एक करोड़ लोगों को रोजगार दे देंगे और सीटें कितनी लड़ रहे हैं? तो सिर्फ बिहार की सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।  

कोई कह रहा है कि हम पूरे देश में बिजली माफ कर देंगे, जिसको जो मन में आ रहा है, वादा कर रहे हैं। इनका गठबंधन हास्यास्पद हो गया है। यह सामान्य स्वार्थ पर आधारित डूबे उन लोगों का गठबंधन हैं जो आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं। जब मोदी जी ने यह कह दिया कि ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा। जनता का धन अगर कोई खाएगा तो बचेगा नहीं, तो यह घबराए हुए लोग अपने बचाव के लिए आपस में इकट्ठे हुए हैं। अगर इनसे पूछ लिया जाए कि इनका नेता कौन है, तो इनके पास कोई जवाब नहीं है। बीजेपी और एनडीए के नेता नरेंद्र मोदी हैं, भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। वोट मांग रहे हैं, उटपटांग वादे कर रहे हैं और पूछ लें कि नेता कौन हैं तो कहते हैं कि हम बाद में तय करेंगे। 

सवाल: राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे 350 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस अपने वादों को लेकर मैदान में आई है, राहुल गांधी ने मातृ रोशनी योजना लेकर आ रहे हैं, हर महीने साढ़े आठ हजार रुपए देंगे, हर साल 1 लाख रुपए देंगे, क्या खटाखट वाली इन योजनाओं से बीजेपी सफाचट तो नहीं हो जाएगी?
 जवाब: यह सब कुछ हास्यापद है। इन लोगों ने पहले भी मध्य प्रदेश में वादे किए थे। 2018 में जब मध्य प्रदेश में इनकी उस समय अल्पमत की सरकार थी तब भी कांग्रेस ने वादे किए थे। कहा था कि बेरोजगारी भत्ता 4 हजार रुपए सरकार बनते ही दे देंगे। किसानों का पूरा कर्जा 10 दिन में माफ कर देंगे। 950 वादे किए थे, एक भी वादा नहीं पूरा किया। कहने में क्या जाता है, केवल जबानी तो ऐलानी। जानते हैं कि चुनाव में बुरी तरह से हार रहे हैं। अस्तित्व खतरे में हैं, कांग्रेस अब रिजनल पार्टी बन गई है तो जो कहना है, कह दो। ना जीतना है और ना ही देना है। 

सवाल: ऐसा कहा जा रहा है कि अगर बीजेपी 400 सीटें आ जाएंगी तो बीजेपी संविधान में बदलाव कर देगी। मुसलमानों को तो छोड़ दें दूसरे लोगों को मिल रहा आरक्षण भी खत्म कर दिया जाएगा। ऐसे आरोपों पर आप क्या कहेंगे?

जवाब: संविधान के साथ खिलवाड़ किसने किया। आपातकाल किसने लगाया था, इंदिरा जी ने। मेरे जैसे लोग जिनकी उम्र उस समय 17 साल थी, जेल भेज दिया गया था। थानों में ऐसी पिटाई हुई थी, कोई जोड़ नहीं छोड़ा था, जहां पर लाठिया नहीं मारी गईं थी। किसने यह पाप किया था। यह पाप कांग्रेस के माथे पर है। शाहबानों केस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किसने पलटा था, राजीव गांधी ने। मैं 17 ऐसे उदाहरण गिना सकता हूं जहां कांग्रेस द्वारा संविधान की धज्जियां उड़ाई गई। आज संविधान सुरक्षित हाथों में है। यह नरेंद्र मोदी ही हैं जिन्होंने संविधान की प्रति माथे पर रखकर संविधान दिवस मनाने की शुरूआत की। आज संविधान जितना सुरक्षित है, उतना कांग्रेस के कार्यकाल में कभी नहीं रहा।  

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