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Delhi air pollution: दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हरियाणा सरकार गंभीरता से जरूरी कदम उठा रही है। दावा है कि छह महीने में ही यह कवायद रंग लाने लगेगी। पढ़िये कैसे...

Delhi air pollution: दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को बारिश का मौसम छोड़कर हर सीजन में वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। इसके लिए जहां दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाता है, वहीं दिल्ली सरकार इसके लिए पंजाब और हरियाणा सरकार पर दोष मढ़ देती है। आरोप-प्रत्यारोप इसी तरह से चलते आ रहे हैं और आगे भी चलते रहेंगे, लेकिन आज जो खबर सामने आई है, उससे साबित होता है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हरियाणा बेहद गंभीर है। तो चलिये बताते हैं कि हरियाणा सरकार ऐसे कौन से कदम उठाने जा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में दिल्लीवासियों को शुद्ध हवा मिल पाएगी।

वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने की कार्य योजना

हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए वर्ष 2024-25 की कार्य योजना साझा की है। उन्होंने बताया कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए हम इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य परिवहन हरियाणा ने 9 नगर निगम शहरों में संचालन के लिए जीसीसी मॉडल के तहत 375 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को अंतिम रूप दे दिया है। यह बसें 12-मीटर लंबी होंगी। लक्ष्य है कि इन सभी बसों को जून 2024 तक बेढ़े में शामिल कर लिया जाएगा।

फरीदाबाद और गुरुग्राम में 100-100 नई बसें

संजीव कौशल ने आगे बताया कि गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी 100-100 ई बसों को शामिल किया जाएगा। इन बसों को शामिल करने का कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा करने की उम्मीद है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष के दौरान नवीनतम बीएस-VI उत्सर्जन मानदंड पूरा करने वाली 500 नई मानक बीएस-VI डीजल बसें और 150 एचवीएसी बीएस-VI डीजल बसें भी सड़क पर उतारने की योजना है। यह सभी बसें नवंबर 2024 तक बस बेड़े में शामिल कर ली जाएंगी।

दिल्ली के लिए चलेंगी बीएस-VI मानक वाली बसें

खास बात है कि हरियाणा से दिल्ली के लिए केवल बीएस-VI मानक वाली बसें चलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि पुरानी बसों को चरणबद्ध तरीके से एनसीआर के लिए हटा दिया जाएगा। बीएस-IV अनुपालन वाली बसें को हटाने के क्रम में उनके स्थान पर बीएस-VI अनुपालन वाली डीजल बसें चलाई जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा में इस समय बीएस-III अनुपालन वाली बसों की संख्या करीब 1030 है। इनमें से करीब 500 बसें एनसीआर डिपो में सेवाएं देती हैं। उन्होंने बताया कि इस साल के अक्टूबर तक इन 500 कंडम बसों को घोषित कर दिया जाएगा। बता दें कि दिल्ली सरकार भी राजधानी को वायु प्रदूषण से मुक्त करने के लिए सार्वजनिक सेवाओं का विस्तार कर रही हैं। हाल में दिल्ली सरकार ने 500 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई थी। यह प्रयास साबित करते हैं कि आने वाले समय में राजधानी के लोगों को जहरीली हवा से मुक्ति मिल सकती है।

हरियाणा में नहीं जलेगी पराली 

हरियाणा सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि राज्य में पराली न जल पाए। इसके लिए पराली प्रबंधन की दिशा में कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। संजीव कौशल ने बताया कि पराली प्रबंधन की दिशा में आईओसीएल की ओर से पानीपत के बहोली में 100 केएलपीडी क्षमता का पराली आधारित 2जी इथेनॉल संयंत्र स्थापित किया गया है। यहां प्रति वर्ष 2 लाख मीट्रिक टन धान की पराली का निस्तारण होगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा में 2.30 लाख टीपीए की कुल क्षमता समेत 23 फसल अवशेष आधारित ब्रिकेटिंग संयंत्र चल रहे हैं। राज्य में पराली आधारित बायोगैस संयंत्र की स्थापना की जा रही है। साथ ही, थर्मल पावर प्लांट में भी बिजली उत्पादन के लिए कोयले के साथ पराली का भी इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाएगा।  

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