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Himachal Pradesh Political Turmoil: छह बार के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली रवाना होने से पहले बागी कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि विक्रमादित्य सिंह दिल्ली में कई बड़े भाजपा नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।

Himachal Pradesh Political Turmoil: हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना फेसबुक बायो बदलकर कांग्रेस नेतृत्व को फिर से परेशानी में डाल दिया है। पूर्व में लोक निर्माण मंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में पहचाने जाने वाले विक्रमादित्य के बायो में अब केवल 'हिमाचल का सेवक' लिखा हुआ है। राज्यसभा चुनाव में हार के बाद हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार संघर्ष की स्थिति में है।

बागी विधायकों से मुलाकात कर दिल्ली रवाना
छह बार के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली रवाना होने से पहले बागी कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि विक्रमादित्य सिंह दिल्ली में कई बड़े भाजपा नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल जैसे नेता शामिल हैं। अब उनके हर कदम पर सियासी पंडितों की नजर है। 

Himachal Pradesh Minister Vikramaditya Singh
Himachal Pradesh Minister Vikramaditya Singh

बुधवार को इस्तीफा दिया, फिर वापस लिया
बीते बुधवार को विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस पर उनके पिता वीरभद्र सिंह का अपमान करने का आरोप लगाया और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि जिस वीरभद्र के नाम पर कांग्रेस ने वोट हासिल किए, उनके मरणोपरांत प्रतिमा लगवाने के लिए दो गज की जमीन तक नहीं दी गई। वे भावुक होकर ऑन कैमरा रो पड़े थे। हालांकि कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से बात के बाद उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था।

 बागी विधायकों को सुक्खू ने ब्लैक स्नेक कहा
विधानसभा स्पीकर ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोट करने वाले 6 बागी विधायकों को अयोग्य कर दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने पार्टी के खिलाफ वोट करने वाले बागी विधायकों पर अपना सम्मान बेचने वाले 'काले सांप' होने का आरोप लगाया है। सुक्खू ने धरमपुर में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग पैसे के लिए अपना सम्मान बेचते हैं, वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन में जो लोग अपनी उस पार्टी से विश्वासघात करते हैं जिसने उन्हें चुनाव लड़ने का मौका दिया, उन्हें काले सांप कहा जाता है।
 

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