Free Movement Closure India Myanmar Border: गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि गृह मंत्रालय (MHA) ने भारत की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म करने का फैसला किया है। भारत के पूर्वोत्तर राज्य म्यांमार की सीमा से लगे हुए हैं।

आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया फैसला
गृह मंत्री शाह ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा कि देश की सीमाओं को सुरक्षित करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है। इस बात को ध्यान में रखते हुए  गृह मंत्रालय (एमएचए) ने  देश की म्यांमार की सीमा से लगे पूर्वोत्तर के राज्यों पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था (FRM) व्यवस्था खत्म करने का निर्णय लिया है। इससे पूर्वोत्तर के लोगों की जनसंख्या संबंधी सरचना को भी बचाया जा सकेगा।

क्या है भारत और म्यांमार के बीच एफआरएम व्यवस्था?
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि चूंकि विदेश मंत्रालय (एमईए) भारत और म्यांमार के बीच एफएमआर को खत्म करने की प्रक्रिया में है, इसलिए एमएचए ने इसे तत्काल निलंबित करने की सिफारिश की है। बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर लगातार एफएमआर को खत्म करने की मांग करता रहा है। इस व्यवस्था के तहत भारत-म्यांमार अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर के नागरिकों बिना किसी यात्रा दस्तावेज के एक-दूसरे देश में 16 किलोमीटर तक आ जा सकते हैं। 

एफआरएम से क्या है दिक्कतें‍?
एफएमआर को पूर्वोत्तर खासकर मणिपुर में अवैध प्रवासियों के गैरकानूनी ढंग बसने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। सीमा पर मुक्त आवाजाही होने के कारण म्यांमार के रास्ते अवैध प्रवासी मणिपुर पहुंच जाते हैं। ऐसे लोग धोखाधड़ी करके भारत की नागरिकता हासिल कर लेते हैं। इसके साथ ही मणिपुर की अनुसूचित जनजाति (एसटी) लोगों को मिलने वाले लाभ का फायदा भी उठाने लगते हैं। 

दो दिन पहले की गई थी बाड़ लगाने की घोषणा
अमित शाह ने दो दिन पहले कहा था कि सरकार भारत म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाएगी। दूसरी ओर, मिजोरम सरकार और पूर्वोत्तर के अन्य नागरिक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुत सारे जनाजातीय लोगों के सीमा पार से संबंध हैं। अगर मुक्त आवाजाही रोकी जाती है तो इससे जनजातीय लोग बंट जाएंगे।