IC-814: The Kandahar Hijack Row: न्यूज एजेंसी ANI ने नेटफ्लिक्स और वेब सीरीज़ 'IC-814: द कंधार हाईजैक' के निर्माताओं के खिलाफ सोमवार को एक मुकदमा दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बिना अनुमति के ANI के कंटेंट का इस्तेमाल किया। यह वेब सीरीज़ 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान संख्या 814 के अपहरण की घटना पर आधारित है। वेब सीरीज 29 अगस्त को रिलीज हो चुकी है, जो कि पहले ही कैरेक्टर्स के नामों समेत कई अन्य विवादों में घिरी हुई है।
कंट्रोवर्सी से ANI के ट्रेडमार्क और ब्रांड इमेज को नुकसान: ANI
ANI के वकील सिद्धांत कुमार के मुताबिक, न्यूज एजेंसी ने नेटफ्लिक्स से 4 एपिसोड हटाने की मांग की है, जिनमें ANI के कॉपीराइट आर्काइवल फुटेज का गैर-कानूनी तरीके से इस्तेमाल किया गया है। वकील ने आगे कहा कि यह वेब सीरीज की कंट्रोवर्सी ANI के ट्रेडमार्क और ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंचा रहा है।
नेटफ्लिक्स का दावा- फुटेज के लिए 2 कंपनियों को रुपए दिए
इस मामले में 2021 में वेब सीरीज के निर्माता ने ANI से फुटेज के इस्तेमाल की अनुमति के लिए संपर्क किया था, लेकिन तब कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ था। न्यूज एजेंसी ANI ने स्पष्ट किया है कि वह इस वेब सीरीज़ से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखना चाहती है। दूसरी ओर, नेटफ्लिक्स के एक निर्माता के वकील ने कहा कि फुटेज 2 कंपनियों से खरीदी गई हैं, जिसके लिए 1 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए नेटफ्लिक्स से जवाब मांगा है।
आतंकियों के कोड नेम हिंदू दिखाने पर विवाद
- गौरतलब है कि 'IC-814: द कंधार हाईजैक' सीरीज़ को पहले ही सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों से आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिसमें दावा किया गया था कि अपहरणकर्ताओं को गलत तरीके से हिंदू नामों के साथ दिखाया गया है, जबकि असल में वे मुस्लिम थे।
- इस विवाद को लेकर नेटफ्लिक्स ने भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय को पिछले हफ्ते बताया था कि उसने 6 एपिसोड वाली सीरीज में नए अस्वीकरण जोड़े हैं। नेटफ्लिक्स ने साफ किया है कि वेब सीरीज में आतंकियों के कोड नेम वास्तविक घटना में इस्तेमाल किए गए कोड नेम से लिए गए हैं।
भारत ने छोड़े थे मसूद अजहर समेत 3 आतंकी
बता दें कि दिसंबर 1999 में विमान अपहरण के लिए भारत, पाकिस्तान और वहां के आतंकवादी समूहों को ज़िम्मेदार मानता है, तब प्लेन में सवार आतंकी इसे हाईजैक कर काठमांडू से कंधार ले गए थे। यह बंधक संकट आतंकियों की रिहाई के साथ खत्म हुआ था। तब सरकार ने पाकिस्तानी दहशतगर्द मसूद अज़हर समेत तीन टेररिस्ट को छोड़ा था।