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Iltija Mufti House Arrest: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने दावा किया है कि मुझे मेरी मां के साथ नजरबंद कर दिया गया है। दरवाजों पर ताले लगा दिए गए हैं। कश्मीर में चुनाव के बाद भी कोई बदलाव नहीं आया है। जानें पूरा मामला।

Iltija Mufti Houe Arrest: पीडीपी की नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने खुद को नजरबंद किए जाने का दावा किया है। पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें और उनकी मां को नजरबंद कर दिया गया है। इल्तिजा ने सोशल मीडिया पर अपने घर के दरवाजों पर लगे तालों की तस्वीरें साझा कीं और कहा कि अब कश्मीर में पीड़ित परिवारों से मिलने जाना भी अपराध बन गया है। इल्तिजा ने आरोप लगाया कि चुनाव के बाद भी कश्मीर की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। कश्मीर में राजनीतिक असहमति जताने वालों को दबाया जा रहा है।

 कठुआ में पुलिस हिरासत में मौत से बढ़ा तनाव
बडगाम जिले के सोपोर इलाके में सेना द्वारा चेकपोस्ट पर कथित तौर पर रोके जाने के बाद ट्रक ड्राइवर वसीम मीर को गोली मार दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वसीम ने वाहन रोकने से इनकार किया, जिसके बाद सेना ने गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई। दूसरी ओर, कठुआ जिले में पुलिस हिरासत में माखन दीन की संदिग्ध मौत से हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं। आरोप है कि पुलिस ने उसे आतंकियों से संबंध के शक में गिरफ्तार किया था। माखन दीन को हिरासत में इतनी बुरी तरह से पीटा गया किउसने खुदकुशी कर ली। इन दोनों घटनाओं के बाद कश्मीर में माहौल गरमा गया है।

महबूबा को रोका, इल्तिजा भी नजरबंद
इल्तिजा मुफ्ती ने बताया कि मेरी मां महबूबा मुफ्ती सोपोर जाकर वसीम मीर के परिवार से मिलना चाहती थीं, लेकिन उन्हें जबरन रोक दिया गया। इल्तिजा ने लिखा कि मैं खुद भी कठुआ में माखन दीन के परिवार से मिलने जाना चाहती थीं, मगर मुझे भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गई। इल्तिजा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जम्मू-कश्मीर में कुछ भी नहीं बदला है। अब सरकार पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने से भी रोक रही है। इल्तिजा ने कहा कि ऐसे हालात में आम नागरिकों के लिए इंसाफ पाना बेहद मुश्किल होता जा रहा है।

विपक्षी पार्टियों ने की सरकार की आलोचना
कश्मीर में बढ़ती पाबंदियों को लेकर कई पार्टियों ने सरकार की आलोचना की है। नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और अपनी पार्टी समेत कई पार्टियों ने वसीम मीर की मौत और माखन दीन की हिरासत में मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की है। हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि कश्मीर में कभी भी मानवाधिकारों का हनन बंद नहीं हुआ। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि यहां विरोध की आवाज उठाने वालों को नजरबंद किया जाता है और मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।

महबूबा मुफ्ती पांचवीं बार की गईं नजरबंद
यह पहली बार नहीं है जब महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया हो। 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद महबूबा को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद 2021 और 2023 में भी उन्हें अलग-अलग मौकों पर नजरबंद किया गया। 2024 में भी ‘शहीद दिवस’ पर उन्हें घर से बाहर नहीं जाने दिया गया। अब एक बार फिर महबूबा और उनकी बेटी घर में बंद हैं। इन घटनाओं से कश्मीर में लोकतंत्र की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, सरकार का दावा है कि हालात सामान्य हो रहे हैं। 

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