IMPS scam UCO Bank: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने राजस्थान और महाराष्ट्र के सात शहरों में 67 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापे यूको बैंक (UCO Bank) के कई खातों के जरिए 820 करोड़ रुपए के संदिग्ध IMPS ट्रांजैक्शन के मामले में की गई। यह छापेमारी 6 मार्च को की गई, लेकिन सीबीआई ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। इस मामले में 30 संदिग्धों से भी पूछताछ की जा रही है।
43 डिजिटल उपकरण जब्त किए गए
सीबीआई के मुताबिक, 6 मार्च, को राजस्थान में व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें जोधपुर, जयपुर, जालौर, नागौर, बाड़मेर और फलोदी जैसे शहर शामिल थे। इसके साथ ही महाराष्ट्र के पुणे में भी कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। ऑपरेशन के दौरान यूको बैंक और IDFC से संबंधित करीब 130 आपत्तिजनक दस्तावेज़ जब्त किए गए। साथ ही 40 मोबाइल फोन, 2 हार्ड डिस्क और 1 इंटरनेट डोंगल सहित 43 डिजिटल उपकरणों को फोरेंसिक जांच के लिए जब्त कर लिया गया।
कब पता चला अवैध ट्रांजैक्शन का पूरा मामला
जांच से पता चला कि 10 नवंबर, 2023 और 13 नवंबर, 2023 के बीच सात प्राइवेट बैंकों के लगभग 14,600 खाताधारकों के अकाउंट से गलती से 41,000 से अधिक यूको बैंक अकाउंट में गलती से ट्रांजैक्शन हो गया। इसकी वजह से 820 करोड़ रुपए यूको बैंक के अकाउंट्स में ट्रांसफर हो गए। ऐसे में यूको बैंक के कई खाताधारकों ने स्थिति का फायदा उठाते हुए विभिन्न बैंकिंग चैनलों के जरिए अपने खाते में डेबिट हुए एक्स्ट्रा पैसे निकाल लिए। दरअसल, यह पैंसे ऑरिजिनल अकाउंट होल्डर्स ने ट्रांसफर ही नहीं किया था। इसी मामले को लेकर अब सीबीआई जांच कर रही है।
पैसे विड्रॉल करने वालों की तलाश जारी
सीबीआई अब इस मामले में अपने अकाउंट में क्रेडिट हुए पैसे निकालने वाले लोगों की तलाश में जुटी है। दरअसल बैंक के नियमों के मुताबिक किसी भी अकांउट होल्डर के खाते में अगर गलती से पैसे क्रेडिट हो जाते हैं , तो उस रकम को वापस बैंक को लौटाना होता है। हालांकि, इस मामले में खाताधारकों ने ऐसा नहीं किया। दिसंबर 2023 में भी इस मामले में छापेमारी की गई थी और कोलकाता और मेंगलुरु में यूको बैंक के अफसरों और कुछ निजी व्यक्तियों से जुड़े 13 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
कैसे हुआ यूको बैंक आईएमपीएस घोटाला (IMPS scam UCO Bank)
यूको बैंक आईएमपीएस घोटाला बैंक के सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण हुआ। तकनीकी खराबी के कारण ही पैसे गलत अकाउंट्स में ट्रांसफर हुए। यह घोटाला तब सामने आया जब कई खाताधारकों ने स्थिति का फायदा उठाया और अपने खातों पैसे निकाल लिए। साथ ही करीब सात बैंकों के हजारों बैंक अकांउट होल्डर्स ने अपने खाते से बेवजह पैसे कटने की शिकायत की। इसके बाद यूको बैंक की शिकायत पर नवंबर 2023 के अंत में सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज कर आगे की जांच शुरू की।