Gujrat News: एक टीचर ऐसा भी; बेटी की तरह भावभीनी विदाई, पूरा गांव फफक-फफक कर रोया

Gujrat News: गुजरात में एक शिक्षक के तबादले के बाद विदाई करते समय बच्चे और गांव वाले फफक-फफक कर रोने लगे। गांव वालों और बच्चों का टीचर से लगाव इतना अधिक दिखा कि लोगों ने टीचर को घोड़े में बैठाकर विदा किया।;

Update:2024-09-25 19:18 IST
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Gujrat News : बेटी की विदाई और अपनों से दूर जाने पर लोगों को आंखे आमतौर पर नम हो जाती हैं। लेकिन गुजरात में एक शिक्षक की विदाई पर ग्रामीण और बच्चे दोनों रोने लगे। इनका प्यार देखकर विदाई ले रहे टीतर की भी आंखें नम हो गईं। इस घटाना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यहां प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक को बच्चों और गांव वालों ने रोते हुए फ़ेयरवेल दिया है। 

गुजरात के अमरेली जिले के मितियाला गांव का यह मामला है। यहां प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक के प्रति छात्र-छात्राओं की आत्मीयता देखने को मिली है। इसमें शिक्षक राघव कटकिया जो रघु खिलौना के उपनाम से जाने जाते हैं उनका दूसरी जगह तबादला होने से उनको विदाई देते हुए छात्र रो पड़े।

अमरेली के मितियाला विद्यालय में टीचर की विदाई
अमरेली के मितियाला प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के तौर पर कार्य कर रहे राघव कटकिया को ग्रामीणों ने घोड़े पर बैठाकर विदा किया है। शिक्षक राघव कटकिया उर्फ रघु खिलौना के नाम से प्राख्यात हैं। उनका यह नाम पड़ने के पीछे की वजह दिलचस्प है। वह बच्चों को खिलौने के साथ शिक्षा देते है। इसील‍िए उन्हें लोग अलग ही नाम से बुलाने लगे हैं। शिक्षा के अपने ऐसे नए प्रयोगों के लिए उन्हें अलग-अलग अवार्ड भी मिले हैं। वो बच्चों को अन्य शिक्षकों से अलग तरीके से पढ़ाने और सिखाने की वज़ह से बच्चों और उनके अभिभावकों मे काफी लोकप्रिय है।

टीचर का तबादला जब उनके पैतृक गांव मांडवड़ा में हुआ तो सभी ने उनको फ़ेयरवेल दिया। उन्हें विदाई देते वक्त छात्र रोने लगे। मनोरंजन के साथ ज्ञान देने की अनूठी कला ही शिक्षा की नई राह द‍िखाने वाले ये श‍िक्षक बच्चों को बहुत ही पसंद हैं। बच्चों के दिलों में सच्चे शिक्षक की छवि बनाने वाले शिक्षक के तबादले पर ग्रामीण भी रो पड़े।

शिक्षक को घोड़े पर बैठाकर किया विदा
ग्रामीणों ने टीचर के प्रति सम्मान द‍िखाते हुए उनको घोड़े पर बैठाकर विदा किया। बता दें कि वह पिछले 8 साल से मितियाला प्राइमरी स्कूल में कार्यरत थे। यहां बच्चों का उनके प्रति गहरा लगाव था। बच्चों को उनके पढ़ाने का अंदाज बहुत पसंद है। जाने से पहले श‍िक्षक भी भावुक हो गए और उनकी आंखें भी नम हो गईं। उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात करके उन्हें शुक्र‍िया कहा। 

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