Gallantry Awards 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार 13 अगस्त को 103 वीरता पुरस्कारों की घोषणा की। इन पुरस्कारों में 4 कीर्ति चक्र (Kirti Chakras) और 18 शौर्य चक्र (Shaurya Chakras) शामिल हैं। इनमें से 9 पुरस्कार मरणोपरांत दिए गए हैं। यह पुरस्कार भारतीय सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के जांबाजों को उनकी बहादुरी और बलिदान के लिए प्रदान किए गए हैं।
वायुसेना के 2 वीरों को शौर्य चक्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वायुसेना के दो बहादुर सैनिकों को शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) से सम्मानित किया गया है। विंग कमांडर वर्नोन डेसमंड कीन वीएम फ्लाइंग पायलट (Flying Pilot) और स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार फ्लाइंग पायलट (Flying Pilot) को उनकी अद्वितीय बहादुरी के लिए यह सम्मान मिला। इसके अलावा, 6 वायुसेना के जांबाजों को वायुसेना मेडल से भी सम्मानित किया गया।
4 सैनिकों को मिला कीर्ति चक्र
चार वीर सैनिकों को उनकी असाधारण बहादुरी के लिए कीर्ति चक्र (Kirti Chakra) से नवाजा गया है। इनमें कर्नल मनप्रीत सिंह (मरणोपरांत), मेजर मल्ला राम गोपाल नायडू, राइफलमैन रवि कुमार (मरणोपरांत), और डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस हिमायूं मुजम्मिल भट (मरणोपरांत) शामिल हैं। इन वीरों ने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी है।
18 सैनिकों को शौर्य चक्र से नवाजा गया
18 जांबाजों को शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) से सम्मानित किया गया है। इनमें कर्नल पवन सिंह, मेजर सीवीएस निखिल, मेजर आशीष धोन्चक (मरणोपरांत), मेजर त्रिपतप्रीत सिंह, मेजर साहिल रंधावा, सूबेदार संजीव सिंह जसरोतिया, नायब सूबेदार पी. पबिन सिंह, सिपाही प्रदीप सिंह (मरणोपरांत) शामिल हैं।
वायुसेना के दो जांबाजों मेडल
विंग कमांडर वर्नोन डेसमंड कीन VM ने 24 जुलाई 2023 को अपने जगुआर फाइटर जेट (Jaguar Fighter Jet) के खराब होने के बावजूद एक बड़े हादसे को टाल दिया। उन्होंने सूझबूझ से विमान को गैर-आबादी वाले क्षेत्र में उतारकर एक बड़ा हादसा टाला। वहीं, स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार ने 25 अगस्त 2023 को रात के समय सीमित संकेतों के बावजूद विमान को सुरक्षित उतारकर अपनी बहादुरी दिखाई।
कीर्ति चक्र सम्मानित जवानों की पूरी लिस्ट:
- कर्नल मनप्रीत सिंह, सेना मेडल, सिख लाइट इन्फैंट्री/19वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स (मरणोपरांत)
- मेजर मल्ला राम गोपाल नायडू, मराठा लाइट इन्फैंट्री/56वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स
- राइफलमैन रवि कुमार, जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री/63वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स (मरणोपरांत)
- उप पुलिस अधीक्षक हुमायूं मुज़म्मिल भट, जम्मू और कश्मीर पुलिस, C/O 19वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स (मरणोपरांत)
शौर्य चक्र से सम्मानित रणबांकुरों की पूरी लिस्ट:
- कर्नल पवन सिंह, 666 सेना विमानन स्क्वाड्रन (R&O)
- मेजर सीवीएस निखिल, 21वीं बटालियन पैरा रेजिमेंट (विशेष बल)
- मेजर आशीष धोन्चक, एसएम, सिख लाइट इन्फैंट्री/19वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स (मरणोपरांत)
- मेजर त्रिपतप्रीत सिंह, सेना सेवा कोर/34वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स
- मेजर साहिल रंधावा, रेजिमेंट आर्टिलरी/34वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स
- सूबेदार संजीव सिंह जसरोतिया, 5वीं बटालियन जम्मू और कश्मीर राइफल्स
- नायब सूबेदार पी. पबिन सिंह, रेजिमेंट आर्टिलरी/56वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स
- सिपाही प्रदीप सिंह, सिख लाइट इन्फैंट्री/19वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स (मरणोपरांत)
- एसपीओ अब्दुल लतीफ, जम्मू और कश्मीर पुलिस C/O 33वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स
- कैप्टन शरद सिन्सुनवाल (04823-K), कमांडिंग ऑफिसर आईएनएस कोलकाता
- लेफ्टिनेंट कमांडर कपिल यादव (44003-F), एईओ आईएनएस विशाखापत्तनम
- विंग कमांडर वेरनॉन डेसमंड कीन (31215), फ्लाइंग (पायलट)
- स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार (32754), फ्लाइंग (पायलट)
- पवन कुमार, सीटी/जीडी, सीआरपीएफ (मरणोपरांत)
- देवना सी, सीटी/जीडी, सीआरपीएफ (मरणोपरांत)
- लखवीर, डिप्टी कमांडेंट, सीआरपीएफ एमएचए
- राजेश पंचाल, एसी, सीआरपीएफ एमएचए
- मलकित सिंह, सीटी/जीडी, सीआरपीएफ एमएचए
एयर फोर्स मेडल से सम्मानित जवानों की पूरी लिस्ट:
- जसप्रीत सिंह संधू, विंग कमांडर
- अक्षय अरुण महाले, विंग कमांडर
- आनंद विनायक अगाशे, विंग कमांडर
- महिपाल सिंह राठौड़, स्क्वाड्रन लीडर
- विकास राघव, जूनियर वारंट ऑफिसर
- अश्वनी कुमार, फ्लाइट गनर
किसे दिया जाता है शौर्य चक्र
शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक वीरता पुरस्कार है, जो सेना, नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों, सभी रैंकों के सैनिकों, रिज़र्व फ़ोर्स और किसी भी अन्य सशस्त्र बलों के लिए है। इसमें एक मेडल के साथ 1500 रुपए का मासिक भत्ता भी दिया जाता है।
कब हुई एयर फोर्स मेडल देने की शुरुआत
एयर फोर्स मेडल (Air Force Medal) की शुरुआत 26 जनवरी 1960 को हुई थी। यह पुरस्कार वायु योद्धाओं की बहादुरी, उनकी सेवा या कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए दिया जाता है। इसमें एक मेडल, रिबन और बार के साथ 500 रुपए का मासिक भत्ता भी शामिल है।