LS Speaker Election: लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर) पद को लेकर ड्रामेबाजी से चलते इंडिया गुट में अलगाव की स्थिति देखने को मिल रही है। लोकसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच मनमुटाव नजर आ रहा है। दोनों पार्टियां हमेशा अच्छे दोस्त नहीं रही हैं। लोकसभा स्पीकर इलेक्शन के लिए कांग्रेस सांसद के. सुरेश के नामांकन से तृणमूल खेमे में खलबली मची हुई है। टीएमसी का दावा है कि यह कांग्रेस का एकतरफा फैसला है। उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई।
NDA-इंडिया गुट रणनीति बनाने में जुटा, बैठकों का दौर
बुधवार को लोकसभा स्पीकर चुनाव को लेकर पक्ष-विपक्ष में गहमागहमी तेज हो गई है। दोनों खेमे अपने सहयोगी दलों को साधने और रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। बीजेपी ने सांसदों को व्हिप जारी किया तो कांग्रेस मुख्यालय में चुनाव रणनीति पर चर्चा के लिए अहम बैठक हुई। इसमें राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य शीर्ष नेता मौजूद रहे।
राहुल गांधी ने TMC नेता अभिषेक बनर्जी से की मुलाकात
वहीं, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यह आखिरी मिनट का फैसला था। उन्हें दोपहर की डेडलाइन से 10 मिनट पहले फोन करना था और ऐसे में कोई मशविरा करने का वक्त नहीं था। सूत्रों ने कहा कि सुरेश पहले ही टीएमसी के पास पहुंच चुके हैं और उनके सांसदों का समर्थन मांग रहे हैं। बुधवार (26 जून) को NDA उम्मीदवार ओम बिरला और कांग्रेस कैंडिडेट के. सुरेश के बीच स्पीकर पद का चुनाव होना है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव लड़ने के अचानक फैसले को लेकर स्थिति साफ करने के लिए टीएमसी के दूसरे बड़े नेता अभिषेक बनर्जी से मुलाकात की है।
टीएमसी नेता बोले- कांग्रेस को फैसले पर सफाई देनी चाहिए
- तृणमूल के सीनियर लीडर सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस ने उनकी पार्टी से कोई सलाह नहीं ली। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा- "मैंने टीवी पर देखा और पता चला... डेरेक ओ'ब्रायन आए और मुझसे पूछा और मैंने कहा कि कोई चर्चा नहीं हुई है। कांग्रेस को इस मुद्दे पर सफाई देनी चाहिए। यह (कारण) वही बेहतर जानते हैं।"
- यह पूछे जाने पर कि क्या तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार के. सुरेश को समर्थन देने पर विचार करेगी। बंदोपाध्याय ने कहा- "हम बैठक में चर्चा करेंगे और हमारे नेता फैसला करेंगे। यह पार्टी का फैसला होता है।''
कांग्रेस ने क्यों स्पीकर चुनाव में उतारा अपना प्रत्याशी?
विपक्ष ने सुरेश को चुनाव में उतारकर लोकसभा स्पीकर पद के लिए जबरन चुनाव कराने का फैसला लिया है। सुरेश को पहले प्रोटेम स्पीकर के लिए चुने जाने की उम्मीद थी। लेकिन बीजेपी ने ओडिशा से अपने प्रमुख नेता भर्तृहरि महताब को चुना। विपक्ष ने सरकार से डिप्टी स्पीकर पद की मांग की थी, लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर सुरेश को स्थायी पद के लिए मैदान में उतारा गया है। डिप्टी स्पीकर पोस्ट पारंपरिक तौर पर विपक्ष को मिलती रही है।
राहुल गांधी ने स्पीकर चुनाव को लेकर क्या कहा?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विपक्ष को रचनात्मक रूप से सरकार का समर्थन करना चाहिए, लेकिन वह कोई सहयोग नहीं चाहते हैं। उदाहरण के तौर पर देख लीजिए कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को स्पीकर पोस्ट के लिए आम राय बनाने का जिम्मा सौंपा गया था। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाया, कोई फोन तक नहीं किया, जो हमारे नेता का अपमान है। डिप्टी स्पीकर पोस्ट विपक्ष को मिलना चाहिए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी यही मांग की है। इन हालात में कांग्रेस ने इस मुद्दे पर आगे बढ़ाने का फैसला किया और डेडलाइन से सिर्फ 10 मिनट पहले के. सुरेश को मैदान में उतार दिया।