India-Maldives Bilateral Talk: भारत बोला- समाधान ढूंढने पर सहमति बनी, मालदीव का दावा- मई में होगी भारतीय सैनिकों की वापसी

India-Maldives Bilateral Talk: भारत और मालदीव के बीच हाई लेवल कोर ग्रुप की दूसरी बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में होगा। इस बैठक के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी मुद्दों का व्यवहारिक समाधान ढूंढने पर सहमति बनी है।;

Update:2024-02-03 00:19 IST
मालदीव ने शुक्रवार को दावा किया भारत मई तक अपने सभी सैनिकों को मालदीव से वापस बुला लेगा।India-Maldives Bilateral Talk
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India-Maldives Bilateral Talk: भारत और मालदीव के बीच शुक्रवार को नई दिल्ली में बातचीत हुई। यह दोनों देश के हाई लेवल कोर ग्रुप की दूसरी बैठक थी।भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच एक दूसरे के साझेदारी से चल रही परियोजनाओं में तेजी लाने के विषय पर बातचीत हुई। इसके साथ ही दोनों पक्षों में मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सकीय मदद मुहैया कराने के लिए काम कर रहे इंडियन एविएशन प्लेटफॉर्म का ऑपरेशन जारी रखने पर सहमति बनी है। दोनों देशों आपसी मुद्दों का व्यवहारिक समाधान ढूंढने पर भी सहमत हुए हैं। 

बातचीत के बाद मालदीव ने क्या किया दावा
भारत ने अपने सैनिकों को मालदीव से वापस बुलाने का कोई जिक्र नहीं किया है। हालांकि, बातचीत के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए दावा किया कि भारत मई तक अपने सैनिकों को पूरी तरह से मालदीव से बुला लेगा। मालदीव ने कहा कि भारत सरकार के साथ हुई बातचीत के बाद दोनों पक्षों में सहमति बनी है कि इंडिया 10 मार्च तक अपने तीन एविएशन प्लेटफॉर्म से एक से अपने सैनिकों को हटा लेगा। वहीं, बाकी बचे दो एविएशन प्लेटफॉर्म से 10 मई तक भारतीय सैनिकों को वापस बुला लिया जाएगा। 

बीते साल भारत-मालदीव ने बनाया था कोर ग्रुप
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू बीते साल दिसंबर में दुबई में मिले थे। दोनों की मुलाकात क्लाइमेट चेंज के विषय पर चर्चा करने के लिए हुए सीओपी28 समिट के दौरान हुई थी। इस समिट के दौरान ही भारत और मालदीव ने आपसी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कोर ग्रुप बनाने का फैसला किया था। भारत और मालदीव के बीच कोर ग्रुप की पहली बैठक इस साल जनवरी में मालदीव की राजधानी मेल में हुई थी। इस बैठक में भारत की ओर से मालदीव में भारत के राजदूत शामिल हुए थे। 

चीन समर्थक माने जाते हैं मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है। मुइज्जू बीते साल नवम्बर में मालदीव की सत्ता में आए थे। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान मुइज्जू ने यह वादा किया था कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो भारतीय सैनिकों को मालदीव से बाहर भेजा जाएगा। राष्ट्रपति बनने के बाद से वह कई बार भारत पर अपने सैनिकों को वापस बुलाने का दबाव बना चुके हैं। भारत और मालदीव के बीच रिश्ते में तल्खी इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद बढ़ गई है। मालदीव के राष्ट्रपति पहले विदेशी दौरे पर चीन पहुंचे थे। वह भारत के दौरे पर नहीं आए। 

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