India Rejects China Objections: पीएम मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर तिलमिलाए चीन को भारत ने दो टूक शब्दों में नसीहत दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक सख्त बयान में कहा कि प्रधानमंत्री की पूर्वोत्तर राज्य की यात्रा पर चीन द्वारा आपत्ति जताना तर्कसंगत नहीं है। सरकार ने यह भी दोहराया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
प्रवक्ता रणधीर ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की अरुणाचल प्रदेश यात्रा के संबंध में चीन की टिप्पणियों को एक सिरे से खारिज करते हैं। पीएम मोदी और देश के अन्य नेता समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते हैं। ठीक वैसे ही जैसे अन्य राज्यों में जाते-आते हैं। ऐसी यात्राओं या भारत की विकासात्मक परियोजनाओं पर आपत्ति करना उचित नहीं है। यह इस वास्तविकता को नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश राज्य भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। चीन को कई मौकों पर इस स्थिति के संबंध में अवगत कराया गया है।
9 मार्च को सेला टनल का पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
दरअसल, पीएम मोदी ने 9 मार्च को अरुणाचल में दुनिया की सबसे लंबी ट्विन लेन सेला सुरंग का उद्घाटन किया। इसे 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है। चीन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमारा हिस्सा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि जंगनान का क्षेत्र चीनी क्षेत्र है। हमारी सरकार ने कभी भी गैर कानूनी तरीके से बसाए गए अरुणाचल को मान्यता नहीं दी है। हम आज भी विरोध करते हैं। चीन इस क्षेत्र को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। इसे जंगनान का क्षेत्र कहता है।
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत जो कर रहा है कि इससे सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद और बढ़ सकता है। हम पीएम मोदी के पूर्वी क्षेत्र में किए गए दौरे के खिलाफ हैं।