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भारतीय सेना के एक मेजर ने AI तकनीक से लैस लैंड माइन सिस्टम तैयार किया है। इसमें ह्यूमन इन लूप तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया। इसे आसानी से ह्यूमन कमांड दिया जा सकेगा।

Indian Army AI human in loop land mine system: भारतीय सेना के मेजर रामप्रसाद ने एक नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक वाली ह्यूमन इन लूप लैंड माइन सिस्टम बनाई है। यह एक ऐसा माइनिंग सिस्टम है जिसे सिर्फ अपने ही सैनिक एक्टिवेट कर पाएंगे। इस तकनीक का फायदा यह होगा कि युद्ध क्षेत्र में अपनी ही बिछाई लैंड माइन्स से नुकसान नहीं होगा। दुनिया के कई देशों में इस तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इस नई सिस्टम से एक स्क्रीन जुड़ी होगी जिस पर लैंड माइन के एरिया में किसी के भी आने पर तुरंत सिग्नल आने शुरू हो जाएंगे।

इस नई तकनीक की 3 अहम खासियतें

  1. यह युद्ध क्षेत्र में होने वाली जान-माल के नुकसान को कम करेगा
  2. इससे कमांडा देकर आसानी से कंट्रोल किया जा सकेगा
  3. एक बार इस्तेमानल न होने पर दोबारा उपयोग में लाया जा सकेगा

युद्ध क्षेत्र में कम होगा खतरा
मेजर रामप्रसाद ने इस तकनीक के बारे में बताते हुए कहा कि इसे नेटवर्क कमांड इम्युनिशन सिस्टम भी कहते हैं। आम तौर पर युद्ध क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लैंड माइन का इस्तेमाल करना होता है। इसमें कई बार इस बात का खतरा होता है कि युद्ध क्षेत्र से लौटते वक्त अपने ही सैनिक इसकी चपेट में आ जाते थे। इस नई लैंड माइन से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।

कैसे काम करेगी यह तकनीक
यह लैंड माइन सिस्टम एक स्क्रीन से जुड़ी होगी। जब भी कोई लैंड माइन्स के दायरे में आएगा तो यह स्क्रीन पर इंडिकेट होने लगेगा। यह बता देगा कि लैंड माइन्स के दायरे में कोई इंसान है या गाड़ी। इसके बाद लैंड माइन्स को कंट्रोल कर रहा व्यक्ति टारगेट को देखकर इसे एक्टिवेट कर देगा। अभी तक ऐसी कोई तकनीक भारत में मौजूद नहीं थी जिसमें लैंड माइन्स को एंस्टॉल किए जाने के बाद इसे कंट्राेल किया जा सके। लेकिन इस सिस्टम में यह सुविधा होगी।

दोबारा किया जा सकेगा इस्तेमाल
मौजूदा समय में भारतीय सेना जो लैंड माइन सिस्टम यूज कर रही हैं, उन्हें दोबारा यूज नहीं किया जा सकता। अगर कोई दोबारा इसके पास गया तो यह तुरंत ब्लास्ट हो जाता है। नई तकनीक में यह सुविधा है कि अगर यह इस्तेमाल नहीं हाे सका तो इसे जमीन से निकाल लिया जाएगा। इसके बाद दूसरे ऑपरेशन में इसे फिर से प्लांट किया जा सकेगा। 

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