Indian Imprisoned In Saudi: केरल में कोझिकोड के रहने वाले अब्दुल रहीम की रिहाई के लिए लोगों ने 34 करोड़ रुपए जुटाए हैं। अब्दुल रहीम को सऊदी अरब में मौत की सजा मिली है। वह 18 साल से सऊदी की जेल में बंद है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दुनिया भर के मलयाली लोगों के प्रयासों की सराहना की है, जिन्होंने क्राउड-फंडिंग अभियान के माध्यम से 35.45 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एकजुट होकर रैली की।
विजयन ने एक्स पोस्ट में लिखा कि जब नफरत के प्रचारक राज्य के खिलाफ झूठ फैलाते हैं, तो मलयाली मानवता और परोपकार की कहानियों के माध्यम से अपना बचाव कर रहे हैं। कोझिकोड के मूल निवासी अब्दुल रहीम की रिहाई के लिए, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। सऊदी अरब, दुनिया भर के मलयाली लोगों ने हाथ मिलाया और 34 करोड़ रुपये इकट्ठा किए।
गलती से दिव्यांग बच्चे की हुई थी मौत
अब्दुल रहीम एक सऊदी शख्स के घर ड्राइवर था। वह 15 साल के दिव्यांग लड़के की देखभाल भी करता था। 2006 में एक दिन अब्दुल रहीम दिव्यांग लड़के के साथ यात्रा कर रहा था। रहीम ने रेड सिग्नल पर गाड़ी रोकी। जब लड़के ने रहीम से रेड सिग्नल को तोड़ने की बात कही। तभी रहीम गलती से लड़के के गले का पाइप अपनी जगह से हट गया। जब तक रहीम कुछ कर पाता, लड़का ऑक्सीजन की कमी से बेहोश हो गया था। उसे अस्पताल ले गया। लेकिन उसकी मौत हो गई।
6 साल पहले मिली मौत की सजा
रहीम पर हत्या का आरोप लगाया। सऊदी कानून के तहत 2018 में मौत की सजा सुनाई गई। पीड़ित का परिवार आखिरी क्षण तक रहीम को मौत की सजा देने पर अड़ा रहा। आखिरकार 15 मिलियन सऊदी रियाल की 'ब्लड मनी' का भुगतान करने पर उसे माफ करने पर सहमत हो गए।
ऐप बनाकर जुटाया पैसा
अब्दुल रहीम को बचाने के लिए क्राउडफंडिंग का आयोजन करने वाली समिति ने पैसा देने वाले लोगों का आभार जताया है। कहा कि जितना पैसा जुटाना था, वह आ चुका है। अब किसी को भी और पैसा नहीं भेजना है। समिति ने पैसे जुटाने के लिए 'SAVEABDULRAHIM' नाम से एक ऐप बनवाया था। ऐप के माध्यम से 30 करोड़ रुपये से अधिक एकत्र किए गए। कुछ पैसे नकद भी आए।
समिति ने कहा कि वह 15 अप्रैल की समय सीमा से पहले रहीम की रिहाई सुनिश्चित करने में मदद के लिए रियाद में भारतीय दूतावास से संपर्क करेगी। केरल के मुख्यमंत्री ने भी इस पहल को मानव प्रेम का एक महान उदाहरण कहा। सीएम ने कहा कि यह केरल की असली कहानी है। केरल भाईचारे का सेंटर है, जिसे सांप्रदायिकता से नहीं तोड़ा जा सकता है।