Isha Foundation Controversy: सद्गुरु जग्गी वासुदेव की ईशा फाउंडेशन को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार (3 अक्टूबर) को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने फाउंडेशन को लेकर मद्रास हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश पर रोक लगा दी। मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया था कि वह ईशा फाउंडेशन और सद्गुरु के खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों की रिपोर्ट पेश करे। इस आदेश के खिलाफ ईशा फाउंडेशन ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट में फाउंडेशन की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने गुरुवार को त्वरित सुनवाई की मांग की। रोहतगी ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट ने बिना किसी ठोस आधार के आदेश जारी किया है।
प्रोफेसर का आरोप: बेटियों को बंधक बनाया गया
तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटियां लता और गीता को ईशा फाउंडेशन के आश्रम में बंधक बना लिया गया है। उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि उनकी बेटियों का ब्रेनवॉश कर उन्हें संन्यासी बनाया गया है। इस पर मद्रास हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की थी। सद्गुरु से पूछा था कि जब उनकी बेटियां विवाहित हैं तो वह दूसरों की बेटियों का सिर मुंडवा कर उन्हें संन्यासी क्यों बना रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने चेंबर में की लड़कियों से बातचीत
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले की सुनवाई के दौरान दोनों लड़कियों से अपने चेंबर में बात की। लड़कियों ने कहा कि वह अपनी मर्जी से ईशा फाउंडेशन में रह रही हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। साथ ही पुलिस को मामले की जांच रोकने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट को इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया।
मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुबह मामले की सुनवाई शुरू होने पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश स्थगित हो सकता है क्योंकि इसे बिना किसी प्राथमिक आधार के पारित किया गया है। इस बीच, कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतरिम आदेश जारी करने से पहले वह उन दो महिलाओं से भी बातचीत करेंगे, जिनका दावा है कि ईशा फाउंडेशन ने उनका ब्रेनवॉश किया और बंधक बनाकर आश्रम में रखा।
ईशा फाउंडेशन का योग केंद्र में पहुंची थी पुलिस
बता दें कि सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन के योग केंद्र तमिलनाडु के कोयंबटूर में है। बीते मंगलवार को पुलिस इस योग केंद्र में पहुंची थी। 150 से ज्यादा पुलिसकर्मियों और सरकारी अफसरों ने पूरे योग केंद्र का जायजा लिया और इसकी जांच की। यह छानबीन मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के बाद की गई। मद्रास हाईकोर्ट ने योग केंद्र में चल रही गतिविधियों और वहां के हालात की जांच का निर्देश दिए थे। बता दें कि जग्गी वासुदेव अध्यात्म जगत का एक बड़ा नाम है। दुनिया के कई देशों में उनके अनुयायी हैं।