Bharat Antariksha Station: भारत 2035 तक अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करेगा और इसे ‘भारत अंतरिक्ष स्टेशन’ (Bharat Antariksha Station) नाम दिया जाएगा। इसके साथ ही भारत 2040 तक एक भारतीय को चांद पर उतारने की योजना भी बना रहा है। इन योजनाओं से भारत की गिनती विश्व के अग्रणी अंतरिक्ष देशों में होगी। यह ऐलान केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया है। वे बुधवार (11 दिसंबर) को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

गगनयान मिशन की तारीख आ गई सामने
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान ​​​​2025 के अंत तक या 2026 की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन के तहत भारत पहली बार 4 अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा में भेजेगा। यह मिशन 3 दिनों का होगा, जिसमें अंतरिक्ष यात्री 400 किमी ऊपर पृथ्वी की कक्षा में रहेंगे। मिशन के आखिर में अंतरिक्ष यान को सुरक्षित तरीके से समुद्र में उतारा जाएगा। अगर यह मिशन सफल हुआ, तो भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन पूरा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

स्पेस सेक्टर में सुधार और स्टार्ट-अप्स का योगदान
डॉ. सिंह ने कहा कि भारतीय स्पेस सेक्टर में बीते कुछ सालों में बड़े सुधार हुए हैं। 2014 में सिर्फ एक स्पेस स्टार्ट-अप था, जो अब बढ़कर 266 हो गए हैं। भारत ने अब तक 432 विदेशी उपग्रह लॉन्च किए हैं, जिनमें से 397 पिछले 10 साल में लॉन्च किए गए। सरकार ने स्पेस सेक्टर को विकसित करने और निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए IN-SPACe जैसी संस्थाओं की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि प्राइवेट प्लेयर्स अब सैटेलाइट मैन्यूफ्रैक्चरिंग और लॉन्च में अहम भूमिका निभा रहे हैं। भारत में स्पेस सेक्टर को मैनेज करने के लिए एक नया कानून तैयार किया जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र में और सुधार होगा।

2040 तक चांद पर मानव मिशन और अन्य बड़े लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को लेकर कई बड़े मिशनों की दिशा तय की है।

  • 1) चंद्रयान-4 मिशन: इस मिशन के तहत चंद्रमा की चट्टानों के नमूने पृथ्वी पर लाए जाएंगे।
  • 2) शुक्र ग्रह का अध्ययन: शुक्र ग्रह की सतह और वायुमंडल के अध्ययन के लिए मिशन शुरू होगा।
  • 3) नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल्स: उन्नत रॉकेट और सैटेलाइट लॉन्च सिस्टम का विकास किया जाएगा।
  • 4) 2040 तक मानव चंद्र मिशन: भारत 2040 तक चांद पर एक भारतीय को उतारने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

समुद्रयान मिशन: महासागर की गहराई में नई खोज
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत अपने महासागर मिशन ‘समुद्रयान’ के तहत ‘मत्स्य 6000’ नामक मानवयुक्त सबमर्सिबल की टेस्टिंग कर रहा है। पहले टेस्ट में इसे बंगाल की खाड़ी में 500 मीटर गहराई तक भेजा जाएगा। 2026 तक यह सबमर्सिबल तीन भारतीयों को समुद्र की 6000 मीटर गहराई में ले जाएगी। इस मिशन से महासागर के अज्ञात क्षेत्रों के अध्ययन और प्राकृतिक संसाधनों की खोज में मदद मिलेगी।

2047 तक ग्लोबल लीडर बनने का है टारगेट
डॉ. सिंह के मुताबिक भारत ने 2047 तक विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनने का लक्ष्य रखा है। भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण, चंद्रमा पर मानव मिशन और शुक्र ग्रह के अध्ययन जैसे मिशन इस दिशा में मील के पत्थर साबित होंगे। गहरे समुद्र मिशन के साथ-साथ अंतरिक्ष में नई खोजों का विस्तार भारत को विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में एक अग्रणी राष्ट्र बनाएगा। इससे भारत की तकनीकी क्षमताओं को मजबूती मिलने के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी नए पंख लगेंगे।