killing of three civilians Jammu Topa Pir village: जम्मू कश्मीर के पुंछ के टोपा पीर गांव में तीन नागरिकों की मौत के मामले में उप राज्यपाल ने मनोज सिन्हा की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उप राज्यपाल (Lieutenant Governor) ने कहा, घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कोई भी हो। कानून अपना काम करेगा। घटना के बाद से प्रशासन के प्रति लोगों में भरोसा भी कम हुआ है। इस पर उपराज्याल ने कहा कि लोगों का विश्वास कम नहीं होने देंगे।  

Jammu and Kashmir killed three civilians

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी दिया न्याय का अश्वासन 
दरअसल, 22 दिसंबर को जम्मू के टोपा पीर गांव में हुई इन युवकों की मौत को लेकर सुरक्षा बलों पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। स्थानीय लोग सुरक्षा जवानों पर प्रताड़ित कर हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि, सेना ने इन आरोनों को निराधार बताया है। मामले पर जब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो।  रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय के साथ 27 दिसंबर को राजौरी का दौरा कर मृत नागरिकों के परिवारों से मिले थे। रक्षा मंत्री ने भी उन्हें न्याय का आश्वासन दिया है। सैनिकों को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा था कि देश की रक्षा के साथ देशवासियों का दिल जीतने की भी बड़ी जिम्मेदारी आप पर है। 
 

सेना ने शुरू की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी
पुंछ में तीन नागरिकों की मौत के बाद स्थानीय जनजातीय आबादी और प्रशासन के बीच अविश्वास बढ़ गया है। उप राज्यपाल सिन्हा ने इस पर कहा, जम्मू-कश्मीर प्रशासन जनता के भरोसे को बनाए रखने हर संभव कोशिश कर रहा है। मेरा भी प्रयास है कि लोगों का विश्वास कायम रहे। सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू कर दी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कर ली है। 

सेना के काफिले पर हुआ था आतंकवादी हमला
पुंछ के रजौरी सेक्टर में 21 दिसंबर को सेना के काफिले पर आतंकवादी हमला हुआ था। इसमें चार सैनिक मारे गए थे। आतंकी हमले के बाद सेना के जवानों ने पुंछ के टोपा पीर गांव से 9 नागरिकों को पूछताछ के लिए उठाया था। इनमें से सफ़ीर अहमद, शब्बीर अहमद और मोहम्मद शौकत भी शामिल थे। आरोप है पूछताछ के दौरान प्रताड़ना के चलते इनकी मौत हो गई है। पांच लोगों घायल अवस्था में राजौरी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया 

परिवार को 20-20 लाख मुआवजा, सरकारी नौकरी और भूखंड 
22 दिसंबर को सेना के जवानों ने जिन नौ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था। उनमें 80 साल का बुजुर्ग और 15 साल का किशोर भी शामिल है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 20-20 लाख रुपए मुआवजा, एक भूखंड और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। इसके अलावा घायलों को 3-3 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने का निर्णय लिया गया है। तीन की मौत के बाद सेना ने कुछ अफसरों को वहां से हटाया है।