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Jammu Kashmir Gunfight: कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट कर मुठभेड़ की जानकारी दी है। बताया कि पुलवामा जिले के निहामा इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा बल काम पर लगे हुए हैं। आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी।

Jammu Kashmir Gunfight: लोकसभा चुनाव के बीच मतगणना से पहले जम्मू-कश्मीर से बड़ी खबर है। पुलवामा जिले में सोमवार, 3 जून की सुबह लश्कर के 2 आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हो गई। दोनों तरफ से रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है। आतंकी जिस घर में छिपकर बैठे थे, वहां से धुआं उठता दिखाई दिया है। उन्हें पकड़ने के लिए आसपास के इलाके को घेर लिया गया है।  

जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट के दो टॉप कमांडरों निहामा में छिपे होने की जानकारी मिली थी। इनकी पहचान रईस अहमद और रेयाज अहमद डार के रूप में हुई। दोनों दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के निवासी हैं। मुठभेड़ के बीच वीडियो सामने आया, जिसमें देखा जा सकता है कि जिस घर में आतंकवादी छिपे हुए थे, उसमें आग लगी हुई थी और आसमान में धुआं उठ रहा था।

निहामा इलाके में आतंकी ठिकाने की मिली थी सूचना
सुरक्षाबलों को काकपोरा के साथ सटे निहामा इलाके में आतंकी ठिकाने के बारे में सूचना मिली थी। आशंका जताई गई थी कि आतंकी मतगणना में खलल डालना चाहते हैं। इसको लेकर सेना 50 आरआर और सीआरपीएफ जवानों के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया गया। तभी आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। शुरुआती जानकारी के अनुसार, 2 आतंकियों के छिपे होने की खबर है। लेकिन सटीक आकलन नहीं लगाया जा सकता है। अभी तक दोनों पक्षों में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है।

कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट कर मुठभेड़ की जानकारी दी है। बताया कि पुलवामा जिले के निहामा इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा बल काम पर लगे हुए हैं। आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी।

7 मई को मारे गए थे 2 आतंकी
7 मई को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे। मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों में लश्कर समर्थित आतंकवादी संगठन रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का सक्रिय सदस्य बासित डार भी शामिल था।

35 साल बाद सबसे अधिक मतदान
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर की 5 और लद्दाख की एक लोकसभा सीट पर मतदान हो चुका है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद लोगों ने जमकर मतदान किया। 35 साल बाद सबसे अधिक 58.46 फीसदी मतदान हुआ, जो 2019 की तुलना में करीब 30 फीसदी अधिक है। 4 जून को मतगणना होगी। एग्जिट पोल के मुताबिक जम्मू-कश्मीर की 5 सीटों में भाजपा को 2, कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस को 2-3 और पीडीपी को एक सीट पर जीत मिल सकती है। 

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