Jayant Sinha on BJP Show Cause Notice: पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड की हजारीबाग सीट से भाजपा के निवर्तमान सांसद जयंत सिन्हा ने पार्टी की तरफ से जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब तय समय में दे दिया है। उन्होंने बुधवार (22 मई) को राज्य के महासचिव आदित्य साहू को दो पन्नों की चिट्ठी लिखी और उसे X हैंडल से शेयर भी किया। जयंत ने कहा कि वह कारण बताओ नोटिस पाकर 'आश्चर्यचकित' हैं, जिसमें उनसे पूछा गया था कि उन्होंने मौजूदा लोकसभा चुनाव में मतदान क्यों नहीं किया और चुनाव प्रचार में हिस्सा क्यों नहीं लिया?
जयंत सिन्हा ने चिट्ठी में खुलासा किया है कि उन्होंने उन्होंने अपना वोट डाक मतपत्र प्रक्रिया के जरिए दिया था, क्योंकि 20 मई को वह व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के लिए विदेश में था।
मुझे किसी बैठक या प्रचार के लिए बुलाया नहीं गया
पूर्व मंत्री जयंत सिन्हा ने चिट्ठी में लिखा कि आपका (झारखंड महासचिव आदित्य साहू) पत्र पाकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ और पता चला कि आपने इसे मीडिया में भी जारी किया है। आरोप लगाया गया कि जब से मनीष जयसवाल को हजारीबाग लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया है, तब से मैंने संगठनात्मक कार्य और चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया। ये सच नहीं है। सिन्हा ने कहा कि उन्हें किसी भी पार्टी कार्यक्रम, रैलियों या संगठनात्मक बैठकों के लिए आमंत्रित नहीं किया गया।
मुझे फोन भी कर सकते थे
जयंत सिन्हा ने 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था। इसके बाद पार्टी ने मनीष जायसवाल को कैंडिडेट घोषित किया था। जयंत ने कहा कि मैंने मनीष जायसवाल को अपना समर्थन दिया था। मैंने 8 मार्च 2024 को जयसवाल को बधाई भी दी थी। अगर पार्टी चाहती कि मैं किसी भी चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो आप निश्चित रूप से मुझसे संपर्क कर सकते थे। हालांकि, 2 मार्च को मेरी घोषणा के बाद झारखंड से एक भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी या सांसद/विधायक मेरे पास नहीं पहुंचे। मुझे किसी भी पार्टी कार्यक्रम, रैलियों, या संगठनात्मक बैठकों के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।
खुद मनीष के घर पहुंचा, मगर मिले नहीं
सिन्हा ने यह भी कहा कि 30 अप्रैल को उन्हें उम्मीदवार मनीष जयसवाल ने फोन किया था। 1 मई को नामांकन रैली में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन उन्होंने यह सूचना मुझे देर से दी। इसलिए शामिल नहीं हो सका। 2 मई 2024 को हजारीबाग पहुंचा तो सीधे जयसवाल के आवास पर पहुंचा। लेकिन वह मौजूद नहीं थे, इसलिए मैंने अपना संदेश उनके परिवार को दिया। इसके बाद दिल्ली लौट आया। लोकसभा अध्यक्ष को जानकारी देते हुए अपने कुछ महत्वपूर्ण निजी कमिटमेंट की वजह से 10 मई को विदेश चला गया।
मेरी प्रशंसा खुद पार्टी नेतृत्व ने की थी
जयंत सिन्हा ने कहा कि 25 वर्षों से अधिक समय से भाजपा से जुड़ा हुआ हूं। हजारीबाग में मैंने जो भी विकास और संगठनात्मक काम किया है, उसकी सराहना की गई है। यही वजह है कि 2014 और 2019 के आम चुनावों में मेरी रिकॉर्ड मतों से जीत हुई। पार्टी में मेरे योगदान को देखते हुए नोटिस को सार्वजनिक करना अनुचित था। आपका दृष्टिकोण समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करता है और पार्टी के सामूहिक प्रयासों को कमजोर करता है। पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा और कड़ी मेहनत के बावजूद ऐसा प्रतीत होता है कि मुझे गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने आगे लिखा कि हम निश्चित रूप से आपकी किसी भी शंका को दूर करने के लिए किसी भी समय व्यक्तिगत रूप से या फोन पर बात कर सकते थे। हजारीबाग लोकसभा चुनाव के लिए जिम्मेदार पार्टी पदाधिकारी के रूप में आप किसी भी समय मुझसे संपर्क कर सकते थे। चुनाव खत्म होने के बाद आपके द्वारा इस तरह का पत्र भेजना मेरे लिए समझ से परे है।
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