झांसी अग्निकांड: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के SNCU वॉर्ड में हुए हादसे में जहां 10 मासूम अपनी जान गंवा बैठे, वहीं कुलदीप ने फरिश्ता बनकर 3-4 बच्चों की जिंदगी बचाई। आग लगने के बाद हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। चारों तरफ चीख-पुकार मची थी। इस बीच महोबा के रहने वाले कुलदीप ने अपनी सूझबूझ दिखाई। कुलदीप ने अपने गले की शॉल से बच्चों को ढंका और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लाए। हालांकि, अपने बच्चे को नहीं बचा सके।
चश्मदीद की गवाही ने खोली अस्पताल की पोल
कुलदीप ने अपनी आंखों देखी घटना में बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में वॉर्ड धुएं और लपटों से भर गया। मैंने ने अपनी जान जोखिम में डालकर मासूमों को बचाने की कोशिश की। हालांकि, डॉक्टर लगातार सभी बच्चों के परिजनों को हट रहे थे। इसके बावजूद मुझे जो भी बच्चा मिला मैं उसे बचा लाया। अब डॉक्टर मुझे धमका रहे हैं। मैंने जो देखा वही बताउंगा।
यहां देखें कुलदीप ने क्या कहा:
ये हैं कुलदीप, अग्निकांड में इनका नवजात बच्चा भी था, आग लगती देख ये अंदर घुस गए.
— Praveen Panghal | प्रवीन पंघाल | ਪ੍ਰਵੀਣ ਪੰਘਲ 🏹 (@ppanghalch) November 16, 2024
कई बच्चों को बाहर निकालकर लाए, लेकिन अपने बच्चे के बारे में कोई खबर नहीं है.
इन्होंने मीडिया में बयान दिया तो मेडिकल कॉलेज स्टाफ ने धमकाया, सुने#JhansiFire #UPGovtHospital pic.twitter.com/4dada82tE4
माचिस की चिंगारी से भड़क उठी आग?
सरकारी बयान में हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई है, लेकिन कुछ चश्मदीदों का दावा है कि माचिस की तीली की वजह से वॉर्ड में आग लगी। ऑक्सीजन सिलेंडर में आग पकड़ने के बाद आग पूरे वार्ड। SNCU में भर्ती 54 बच्चों में से 10 की जान चली गई। कई बच्वों झुलस गए हैं, जिन्हें इलाज में रखा गया है। शनिवार दोपहर तक माता-पिता अपने बच्चों की तलाश में जुटे थे। हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों की ओर से उन्हें बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
फायर सेफ्टी सिस्टम की पोल खुली
हादसे के दौरान फायर अलार्म और आग बुझाने के लिए इस्तेमाल में होने वाले सिलेंडर काम नहीं कर रहे थे। जब कुछ चश्मदीदों ने चेक किया जो देखा कि फायर एक्सटिंग्विशर 2020 में एक्सपायर हो चुके थे। इसके साथ ही फायर सेफ्टी अलामर्ट भी समय पर नहीं बजा। इन सभी वजहों से आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
सरकार ने जताया दुख, मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुख जताया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये और प्रधानमंत्री ने 2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने रात में अस्पताल पहुंचकर हालात का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने 12 घंटे में जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।