Journalists Glass room Parliament: संसद परिसर में पत्रकारों पर एक नई पाबंदी (Journalist restrictions) लगाई गई है। अब पत्रकार(Journalists) संसद परिसर के अंदर घूमकर सत्तारूढ़ और विपक्षी नेताओं के बयान नहीं ले सकेंगे। उन्हें संसद के बाहर एक ग्लास रूम (Glass room) से ही सभी गतिविधियों को कवर करना होगा। इस नई पाबंदी पर पत्रकारों ने नाराजगी जाहिर की है। इसके बाद सोमवार शाम को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद कवर करने वाले मीडियाकर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि पत्रकारों के मूवमेंट पर रोक और कवरेज से जुड़े सभी मुद्दों को हल किया जाएगा।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने जताया विरोध
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) ने पत्रकारों पर लगाई गई पाबंदी (Journalist restrictions) का विरोध किया है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (Press Club of India) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो X (पूर्व में ट्विटर) साझा किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि पत्रकार एक छोटे से ग्लास रूम में (Journalists Glass room) बैठे हैं । इस ग्लास रूम (Glass room) में काफी भीड़ है। PCI ने इस पाबंदी को हटाने की मांग की है।
क्या है पूरा मामला ?
पहले पत्रकार नए संसद भवन के मकर द्वार पर सांसदों की प्रतिक्रिया लेते थे, लेकिन अब उन्हें वहां खड़ा होने की इजाजत नहीं दी जा रही है। उनके लिए मकर द्वार (Makar Dwar) के सामने एक ग्लास रूम बनाया गया है, जहां से वे सांसदों की गतिविधियों को कवर करेंगे। इस कमरे में कम जगह होने के कारण पत्रकारों को असुविधा हो रही है।
कांग्रेस ने किया इन पाबंदियों का विरोध
कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Srinet) ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने वीडियो साझा कर इस पाबंदी का विरोध किया और पत्रकारों को उनकी रिपोर्टिंग करने की आजादी की मांग की। इस पाबंदी के कारण पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठ रहे हैं। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और अन्य पत्रकार संगठनों ने इस पाबंदी को हटाने की मांग की है ताकि पत्रकार स्वतंत्र रूप से अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकें।
राहुल गांधी ने की पत्रकारों से मुलाकात
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इन पाबंदियों को लेकर चिंता जाहिर की। मकर द्वारा से प्रवेश करते समय राहुल गांधी पत्रकारों से मिलने के लिए रुके। राहुल गांधी ने पत्रकारों से बातचीत की। कांग्रेस सांसद ने पत्रकारों को भरोसा दिलाया कि उनकी इस समस्या का समाधान ढूंढ़ा जाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि लोकतंत्र में पत्रकारों को आजादी के साथ काम करने का अधिकार मिलना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो लाेकतंत्र की खूबसूरती खत्म हो जाएगी।