Justice Abhijit Gangopadhyay Resigns: कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा है। जिसकी कॉपी सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और कलकत्ता एचसी के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम को भी भेजी हैं। 2 दिन पहले गंगोपाध्याय ने तृणमूल कांग्रेस की चुनौती को स्वीकार करते हुए राजनीति में उतरने का संकेत दिया था।
अभिजीत गंगोपाध्याय ने दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि 7 मार्च को दोपहर में एक अस्थायी कार्यक्रम है। उसी दिन मैं भाजपा में शामिल होऊंगा।
कल्याण बनर्जी ने गंगोपाध्याय को बताया दलाल
अभिजीत गंगोपाध्याय सुबह हाईकोर्ट स्थित अपने कक्ष में पहुंचे, जिसके बाद त्याग पत्र भेज दिया गया। जस्टिस गंगोपाध्याय ने रविवार को घोषणा की थी कि वह 5 मार्च को इस्तीफा दे देंगे। फिलहाल गंगोपाध्याय के इस्तीफे पर सियासत तेज है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने जस्टटिस अभिजीत को दलाल कहा है।
कौन हैं जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय?
- 2018 से कलकत्ता हाईकोर्ट में जज अभिजीत गंगोपाध्याय अपने ऐसे फैसलों के लिए जाने जाते हैं, जिससे बाद में विवाद पैदा हुए।
- जस्टिस गंगोपाध्याय का जन्म 1962 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने दक्षिण कोलकाता में एक बंगाली माध्यम स्कूल, मित्रा इंस्टीट्यूशन में पढ़ाई की।
- हाजरा लॉ कॉलेज, कोलकाता से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने ने उत्तर दिनाजपुर जिले में अपना करियर शुरू किया। वहां उन्होंने पश्चिम बंगाल सिविल सेवा ग्रेड ए अधिकारी के रूप में काम किया। बाद में उन्होंने सिविल सेवा छोड़ दी और हाईकोर्ट में एक स्टेट वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू की।
- गंगोपाध्याय को 2018 में अतिरिक्त न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया और दो साल बाद स्थायी न्यायाधीश बन गए।
- पिछले साल अप्रैल में गंगोपाध्याय ने नौकरी घोटाले को लेकर इंटरव्यू दिया। उन्होंने टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
- गंगोपाध्याय ने शिक्षक भर्ती घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को करने के आदेश दिए थे।