Kamalnath to quit Congress: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक तूफान मचा दिया। सारा दिन कमलनाथ को लेकर सियासी अटकलें तेज रहीं। ऐसी खबरें आईं कि पूर्व सीएम कमलनाथ अब 'कमल' के 'नाथ' बनने वाले हैं। यानी कि कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले हैं। दरअसल अटकलबाजियों का यह दौर कमलनाथ के अचानक दिल्ली दौरे पर रवाना होने के बाद शुरू हुआ। ऐसा कहा जा रह है कमलनाथ भी कांग्रेस के हाथों से फिसलते जा रहे हैं।
'कमलनाथ के बयान ने दी अटकलों को हवा'
दिल्ली पहुंचने पर कमलनाथ ने कुछ ऐसा जवाब दिया कि पेंच और उलझ गया। ना तो कमलनाथ ने इस बात से इनकार कि वह कांग्रेस छोड़ने वाले हैं और ना ही इस पर हामी भरी की वह बीजेपी जॉइन करने वाले हैं। कमलनाथ से जब पत्रकारों ने इस बाबत पूछा तो उन्होंने कहा- आप लोग इतने एक्साइटेड क्यों हैं? इनकार करने की बात नहीं है। अगर ऐसा कुछ होता है तो आप लोगों को जरूर बताऊंगा। बस फिर क्या था सियासी गलियारों में हवा और भी तेज हो गई कि कमलनाथ जल्द ही कांग्रेस को 'गुड बाय' बोलने वाले हैं।
राज्यसभा सीट नहीं मिलने से नाराज हैं कमलनाथ
शनिवार की रात ऐसी खबरें आईं कि कमलनाथ राज्यसभा की सीट नहीं मिलने से नाराज हैं। वह राज्यसभा सीट हासिल करने के लिए लॉबी कर रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से आई खबरों के मुताबिक, कमलनाथ इस बात की पुरजोर कोशिश में लगे हैं कि पार्टी उन्हें राज्यसभा की सीट दे। इसके लिए जबरदस्त लॉबी कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने कमलनाथ से संपर्क साधने की कोशिश नहीं की है। सूत्रों की मानें तो यहां तक कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान कमलनाथ को रोकने की कोशिश भी नहीं करेगा।
ज्योतिरादित्य की कहानी तो नहीं दोहराने वाले कमलनाथ
सियासी हलकों में इस बात को लेकर चर्चा तेज हैं कि कहीं कमलनाथ भी ज्योतिरादित्य की कहानी तो नहीं दोहराने वाले। सूत्रों के हवाले से सामने आई जानकारी के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली रवाना होने से पहले कमलनाथ ने एक सिक्रेट बैठक बुलाई थी। यह बैठक कमलनाथ के शिकारपुर स्थित आवास पर बुलाई गई थी। इस बैठक में कांग्रेस के कुछ चुनिंदा नेता शामिल हुए। बैतूल, जबलपुर और बालाघाट के कई कांग्रेसी नेता इस बैठक का हिस्सा रहे। इन नेताओं से चर्चा करने के बाद कमलनाथ अगली सुबह ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
आखिर क्यों कही जा रही कमलनाथ के कांग्रेस छोड़ने की बात:
- कमलनाथ और उनके बेटे ने छिंदवाड़ा में कई कांग्रेसी नेताओं के साथ बैठक की। इसमें 10 से 12 कांग्रेसी नेता शामिल थे।
- कमलनाथ के बेटे और सांसद नकुल नाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X बायो से कांग्रेस का नाम शनिवार को हटा दिया।
- कमलनाथ कांग्रेस के कार्यक्रमों से लंबे समय से गायब हैं। राज्यसभा कैंडिडेट अशोक सिंह के नॉमिनेशन में भी नहीं दिखे।
- कुछ दिन पहले कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश की थी। पीएम से मिलने का समय भी मांगा था।
- कमलनाथ का समर्थन करने वाले छिंदवाड़ा जिले के कई एमएलए ने भी एक्स प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम हटा दिया है।
10 से 12 विधायक छोड़ सकते हैं कांग्रेस का साथ
मीडिया के एक धड़े में आ रही खबरों के मुताबिक, कमलनाथ की बैठक में शुक्रवार की रात रामू टेकाम, सुनील जायसवाल, गोविंद राय, दीपक सक्सेना और विश्वनाथ ओकेटे शामिल थे। ऐसी खबरें हैं कि कमलनाथ के साथ ही कांग्रेस के 10 से 12 विधायक पाला बदलकर बीजेपी जॉइन कर सकते हैं। छिंदवाड़ा जिला कमलनाथ का गढ़ माना जाता है। इस क्षेत्र के सभी विधायक कमलनाथ के समर्थक कहे जाते हैं। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि छिंदवाड़ा जिले के सभी विधायक भी कमलनाथ के साथ ही कांग्रेस छोड़ दें। कुछ कमलनाथ समर्थकों ने शनिवार को तो अपना सोशल मीडिया प्रोफाइल भी बदल दिया। कांग्रेस का नाम प्रोफाइल से हटा दिया।
कांग्रेस के दिग्गजों में शुमार हैं कमलनाथ
कमलनाथ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। बीते 56 साल की राजनीतिक यात्रा कमलनाथ ने कांग्रेस के साथ तय की है। कमलनाथ ने पहली बार 1980 में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद से अब तक नौ बार उन्होंने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष समेत कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। कांग्रेस में कमलनाथ के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा भी कहा जाता है।
सिंधिया ने भी दिया था कांग्रेस को झटका
करीब चार साल पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस को इसी तरह से झटका दिया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। इसके बाद से अब तक कई कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। इस कड़ी में अल्पेश ठाकोर, सुष्मिता देव, आरपीएन सिंह, अश्विनी कुमार, सुनील जाखड़, हार्दिक पटेल, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, अनिल एंटनी, मिलिंद देवड़ा,अशोक चव्हाण और सबसे ताजा मामला पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री का है, जिन्होंने कांग्रेस छोड़ी है। लगभग सभी नेताओं ने कहीं न कहीं पार्टी आलकमान की अनदेखी का जिक्र जरूर किया है।