Kangana Ranaut statement Controversy:बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। इस बार उनका बयान महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के संदर्भ में आया है। कंगना ने शास्त्री की 120वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' के रूप में कमतर बताते हुए कहा, "देश के पिता नहीं, देश के लाल होते हैं।" उनके इस बयान से महात्मा गांधी के समर्थकों में गुस्सा भड़क गया है। कंगना के इस विवादित बयान ने फिर से राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
सुप्रिया श्रीनेत ने पीएम मोदी पर किए सवाल
कंगना के इस बयान पर कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना पर महात्मा गांधी का अपमान करने का आरोप लगाया। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "कंगना रनौत ने गांधी जयंती पर एक बेहूदा टिप्पणी की है। क्या प्रधानमंत्री मोदी इस नए 'गोडसे भक्त' को माफ करेंगे?" श्रीनेत ने यह भी कहा कि देश के सभी नेताओं, शहीदों और महात्मा गांधी को समान रूप से सम्मान मिलना चाहिए। महात्मा गांधी को मिले राष्ट्रपिता के दर्जा पर यह टिप्पणी काफी गंभीर मानी जा रही है।
कंगना ने बाद में विवादित बयान पर दी सफाई
कंगना ने अपने अगले पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी ने महात्मा गांधी की स्वच्छता मुहिम को आगे बढ़ाया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मकसद महात्मा गांधी का अपमान करना नहीं था, बल्कि वे शास्त्री जी को सम्मान देना चाहती थीं। हालांकि, कंगना के बयान के बाद से बीजेपी के अंदर भी इसे लेकर मतभेद उभर आए हैं। कंगना अपने विवादित बयानों की वजह से कंगना बार-बार चर्चा में रहती हैं, और यह मामला भी अब गरमा गया है। बीजेपी नेता भी
बीजेपी ने कंगना के बयान से झाड़ा पल्ला
बीजेपी के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया ने भी कंगना के इस बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा, "कंगना ने गांधी जी की 155वीं जयंती पर विवादित टिप्पणी की है। राजनीति एक गंभीर विषय है और ऐसे बयान पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।" कालिया ने कहा कि कंगना को राजनीति में गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। इसके बाद से कंगना के पॉलिटिकल करियर को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि वह हमेशा विवादों में घिरी रहती हैं।
किसान आंदोलन पर भी दिया था विवादित बयान
यह पहली बार नहीं है जब कंगना रनौत ने विवादित बयान दिया है। इससे पहले किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने तीन कृषि कानूनों का समर्थन किया था। कंगना रनौत ने आरोप लगाया था कि किसान आंदोलन 'बांग्लादेश जैसी स्थिति' पैदा कर रहा है और वहां "लाशें लटक रही थीं, बलात्कार हो रहे थे।" इस बयान के बाद भी कंगना की काफी आलोचना हुई थी। हालांकि, बाद में कंगना ने अपने बयान को वापस लेते हुए माफी मांगी थी। किसान आंदोलन के दौरान कंगना के बयानों ने काफी विवाद खड़ा किया था।